1 घंटे पहले
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रणवीर सिंह की फिल्म धुरंधर 5 दिसंबर को रिलीज होने के लिए शेड्यूल है। इससे पहले मेजर मोहित शर्मा के परिवार ने फिल्म रिलीज पर रोक लगाए जाने की मांग की थी। आरोप था कि फिल्म मेजर मोहित शर्मा पर बनी है लेकिन मेकर्स ने इसे बनाने से पहले परिवार या सेना की परमिशन नहीं ली।
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में मोहित शर्मा के परिवार की याचिका पर सुनवाई हुई है, जिसमें कहा गया है कि फिल्म पर रोक नहीं लगाई जाएगी। हालांकि सेंसर बोर्ड फिल्म देखने के बाद ये तय करेगा कि क्या इसमें परिवार या सेना का अप्रूवल लिया जाना चाहिए या नहीं।
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता ने CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) को निर्देश दिया है कि फिल्म सर्टिफिकेशन का फैसला लेने से पहले मेजर मोहित शर्मा के परिवार द्वारा याचिका में उठाई गईं शिकायतों पर विचार करें और इसकी जांच करें।

फिल्म धुरंधर 5 दिसंबर को रिलीज होने के लिए शेड्यूल है।
सुनवाई के दौरान मोहित शर्मा के परिवार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि ये सामान्य समानता का मामला नहीं है। ये फिल्म मोहित शर्मा की विरासत पर आधारित है। भले ही फिल्म के निर्माता इसे काल्पनिक बता रहे हैं, लेकिन ऑडियंस और मीडिया दोनों रणवीर सिंह के कैरेक्टर को मोहित शर्मा के किरदार के रूप में ही देख रहे हैं।
फिल्म धुरंधर के निर्माताओं की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सौरभ किर्पाल ने सुनवाई में कहा है कि मोहित शर्मा और फिल्म की कहानी में कोई समानता नहीं है। मोहित शर्मा की हत्या जम्मू में हुई थी, जबकि फिल्म इंडियन स्पेशल फोर्स के ऑफिसर पर बनाई गई है, जिसकी कहानी पाकिस्तान से जुड़ती है। इसके अलावा उन्होंने तर्क दिया कि फिल्म में दिखाई गईं लोकेशन भी पूरी तरह अलग हैं।
सुनवाई में सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश हुए एडवोकेट आशीष दीक्षित ने कहा कि फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रोसेस शुरू हो चुकी है। ये फिल्म फिक्शनल है। इस पर मेजर मोहित शर्मा के परिवार ने कहा कि वो चाहते हैं कि उनके परिवार के लिए एक प्राइवेट स्क्रीनिंग हो, जिससे वो संतुष्ट हो सकें कि फिल्म फिक्शन है। इस पर कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका का निपटारा कर दिया कि सर्टिफिकेशन की जिम्मेदारी सेंसर बोर्ड के ही पास है।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड मेजर मोहित शर्मा के परिवार की चिंताओं पर विचार करते हुए सर्टिफिकेशन को जल्द खत्म करें।
जस्टिस ने यह भी कहा कि सेंसर बोर्ड यह विचार करे कि क्या इस मामले को भारतीय सेना की विशेषज्ञ समिति के पास भेजा जाना आवश्यक है।
