राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) रंगमंडल की ओर से आयोजित रंग षष्ठी नाट्य उत्सव की शुरुआत राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में हो गई है।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) रंगमंडल की ओर से आयोजित रंग षष्ठी नाट्य उत्सव की शुरुआत राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में हो गई है। यह नाट्य उत्सव 13 से 17 दिसंबर 2024 तक चलेगा, जिसमें थिएटर प्रेमियों के लिए पांच उत्कृष्ट नाटकों का मंचन, मास्टर क
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यह उत्सव राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले पांच नाटकों में ‘ताजमहल का टेंडर’, ‘बाबूजी’, ‘मैं री मैं का से कहूं’, ‘बायन’ और ‘बंद गली का आखिरी मकान’ शामिल हैं। नाटकों के अलावा, थिएटर के विभिन्न पहलुओं पर मास्टर क्लास और संगोष्ठियां भी आयोजित की जाएंगी।
नाटकों के अलावा, थिएटर के विभिन्न पहलुओं पर मास्टर क्लास और संगोष्ठियां भी आयोजित की जाएंगी।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चित्तरंजन त्रिपाठी ने कहा कि रंग षष्ठी उत्सव न केवल थिएटर प्रदर्शन के लिए बल्कि सांस्कृतिक और बौद्धिक आदान-प्रदान के लिए भी एक अनूठा मंच है। जयपुर, जो भारतीय थिएटर परंपरा में खास स्थान रखता है, में इस उत्सव का आयोजन हमारे लिए गर्व की बात है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल के प्रमुख राजेश सिंह ने बताया कि “उत्सव की शुरुआत अगस्त 2024 में दिल्ली से हुई थी। इसके बाद यह उत्सव ग्वालियर, देहरादून, शिमला और अन्य शहरों में आयोजित किया गया। जयपुर इस श्रृंखला का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव है।
उत्सव के पहले दिन नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ प्रस्तुत किया गया। लेखक अजय शुक्ला के हास्य-व्यंग्य नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ ने खूब हंसाया। नाटक में लालफीताशाही, अफसरशाही और भ्रष्टाचार पर करारा व्यंग्य किया गया है। यह नाटक बादशाह शाहजहां और एक भ्रष्ट चीफ इंजीनियर गुप्ताजी के हास्यास्पद संवादों और घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमता है।
थिएटर कार्यशालाएं और संगोष्ठियां उत्सव के दौरान थिएटर के विभिन्न पहलुओं पर मास्टर क्लास और संगोष्ठियां भी आयोजित की जा रही हैं। मास्टर क्लास में ‘अभिनेता की तैयारी’, ‘प्रकाश और डिज़ाइन अवधारणाएं और ‘मंच प्रबंधन’ जैसे विषयों पर विशेषज्ञों की ओर से सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
रंग षष्ठी नाट्य उत्सव का कार्यक्रम इस प्रकार है
- 13 दिसंबर: मास्टर क्लास – ‘आलेख से मंच तक अभिनेता की भूमिका’ (सुबह 9:30), नाटक ‘ताजमहल का टेंडर’ (शाम 6:30)
- 14 दिसंबर: मास्टर क्लास – ‘अभिनेता की तैयारी’, व्याख्यान – ‘भारतीय थिएटर परंपराएँ’, नाटक ‘बाबूजी’
- 15 दिसंबर: मास्टर क्लास – ‘प्रकाश और डिज़ाइन अवधारणाएँ’, नाटक ‘मैं री मैं का से कहूं’
- 16 दिसंबर: मास्टर क्लास – ‘अभिनेता और उसका शरीर’, नाटक ‘बायन’
- 17 दिसंबर: मास्टर क्लास – ‘मंच प्रबंधन’, नाटक ‘बंद गली का आखिरी मकान’
सभी मास्टर क्लास और कार्यशालाएं राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के विभिन्न हॉल में आयोजित होंगी, जबकि नाटकों का मंचन मुख्य ऑडिटोरियम में होगा। यह नाट्य उत्सव जयपुरवासियों के लिए थिएटर की विविधता और समृद्ध परंपरा को करीब से जानने और आनंदित होने का अवसर प्रदान करेगा।