दस दिवसीय रंग राजस्थान थिएटर फेस्टिवल का समापन मीणा बाटी की लोक प्रस्तुति के साथ हुआ।
जवाहर कला केंद्र और राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित दस दिवसीय रंग राजस्थान थिएटर फेस्टिवल का समापन मीणा बाटी की लोक प्रस्तुति के साथ हुआ। यह महोत्सव कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान पर्यटन विभाग, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर और जवाहर कला केंद्र के सं
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समापन समारोह में 300 से अधिक कलाकारों और देशभर से आए 20 से अधिक नामी निर्देशकों की उपस्थिति रही।
झिलमिल हजारिका की मास्टरक्लास समापन दिवस पर अलंकार गैलरी में अभिनेत्री झिलमिल हजारिका की ओर से स्पीच और वॉयस पर मास्टरक्लास का आयोजन किया गया, जिसमें अभिनेताओं को अपनी आवाज को और प्रभावी बनाने के टिप्स दिए गए। कृष्णायन सभागार में राजेंद्र पांचाल के निर्देशन में हाड़ौती के कवियों को समर्पित नाटक ‘बांदरवाल’ का मंचन हुआ। यह नाटक हाड़ौती भाषा के प्रसिद्ध कवियों की रचनाओं को एक सूत्र में पिरोता है और उनके दर्शन को मंच पर प्रस्तुत करता है।

अलंकार गैलरी में अभिनेत्री झिलमिल हजारिका की ओर से स्पीच और वॉयस पर मास्टरक्लास का आयोजन किया गया।
रंगायन सभागार में अभिषेक गोस्वामी के निर्देशन में ‘किस्से किनारों के’ नाटक का मंचन हुआ। यह नाटक अदम गोंडवी, प्रेमचंद, डॉ. भीमराव अंबेडकर, ओमप्रकाश वाल्मीकि जैसे साहित्यकारों की कृतियों पर आधारित था, जो समाज की रूढ़ियों पर सवाल खड़ा करता है।
मध्यवर्ती में राजस्थान की पारंपरिक लोक कला मीणा बाटी की प्रस्तुति हुई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद फेस्टिवल टीम और कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

रंगायन सभागार में अभिषेक गोस्वामी के निर्देशन में ‘किस्से किनारों के’ नाटक का मंचन हुआ।
महोत्सव के दौरान 25 से अधिक थिएटर और लोक प्रस्तुतियां हुईं। रतन थियाम, ऐना मिर्था, गोपाल आचार्य, अभिषेक विजय जैसे दिग्गज निर्देशकों की भागीदारी रही। थिएटर संवाद, मास्टरक्लास और कहानी कहने के विशेष सत्रों का आयोजन किया गया।