रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त श्रावण पूर्णिमा, सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार भद्रा का साया तो रहेगा लेकिन दोपहर 1:31 बजे तक। इसके बाद दिनभर राखी बांधी जा सकेगी। इसी दिन महाकाल की श्रावण, भादौ माह में निकाली जाने वाली सवारियों के क्रम में पांचवीं सवार
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रक्षाबंधन के दिन यह भी खास
ज्योतिषियों के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र, पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी इसी दिन की महत्ता और बढ़ाएगी।
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त
दोपहर 2:06 से रात 8:09 तक सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
अब जानते हैं क्या होती है भद्रा
तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र मिलकर पंचाग बनाया जाता है। पंडितों के अनुसार करण तिथि के आधे भाग को कहा जाता है। विशिष्टीकरण को ही भद्रा कहते हैं। इसे शनिदेव की बहन भी कहा गया है, इसलिए रक्षाबंधन और होलिका दहन में भद्रा हो तो उसका निषेध माना गया है।
ब्राह्मण श्रावणी उपाकर्म करेंगे
इसी दिन ब्राह्मण वर्ग पर्यंत किए गए पापों के प्रायश्चित के लिए दशविध स्नान, नूतन यज्ञोपवीत धारण और श्रावणी कर्म करेंगे। इस दिन सिर्फ बहनें ही नहीं अपितु गुरु, शिष्य भी परस्पर रक्षा के भाव से रक्षा सूत्र का बंधन करते हैं।