डोंगरगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर की पहाड़ियों में बुधवार शाम भीषण आग लग गई। आग की लपटें इतनी ऊंची थीं कि वे 4-5 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रही थीं। 8 घंटे की मशक्कत के बाद आग में काबू पा लिया गया है।
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आग मंदिर के पुराने रोपवे के पीछे वाली पहाड़ी पर लगी थी। हालांकि, पहाड़ी के दूसरी तरफ स्थित दुकानों और छोटे व्यवसायों को खतरा था। आईटीबीपी, वन विभाग और दमकल विभाग के 50 से ज्यादा कर्मचारी आग बुझाने में लगे थे।
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आग की सूचना के बाद मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम।
सूचना मिलते ही हरकत में आया प्रशासन
आग की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। एसडीएम मनोज मरकाम, तहसीलदार कमल किशोर साहू और मुकेश ठाकुर, थाना प्रभारी जितेन्द्र वर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वन विभाग की टीम और फायर ब्रिगेड को तुरंत बुलाया गया।
आईटीबीपी, वन विभाग और दमकल विभाग के 50 से ज़्यादा कर्मचारी आग बुझाने में लगे थे। सभी ने आग बुझाने में मदद की। तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैल रही थी। जिसके कारण आग बुझाने में देरी हो रही थी।
रात 1 बजे आग बुझी
आग पर काबू पाते रात करीब 1 बज गए। राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। वन विभाग के अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण असामाजिक तत्वों की करतूत बताया गया है।
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आईटीबीपी, वन विभाग और दमकल विभाग के 50 से ज़्यादा कर्मचारी आग बुझाने में लगे थे।
अवांछित तत्वों ने लगाई आग
वन विभाग की SDO पूर्णिमा राजपूत ने बताया कि कुछ अवांछित तत्वों ने ये आग लगाई है। फिलहाल आग बुझा दी गई है। 25 लोगों की टीम आग बुझाने में लगी थी जिससे आग ज्यादा नहीं फैल पाई है।
सूखे पत्तों से फैलती गई आग
मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि अभी पतझड़ का मौसम चल रहा है सूखे पत्तों में अक्सर आग लग जाती है। जिस जगह पर आग लगी थी वो हिस्सा मंदिर से काफी दूर था, किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।