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अंता उपचुनाव को लेकर हर प्रत्याशी जोर लगा रहा है। नए नेताजी के एक नन्हें फैन ने भायाजी की पोल खोल दी। सांसद महोदय ने स्वीकार किया उन्हें पटाखे चलाने का भी शौक है और राजनीति में बम फोड़ने का भी। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की ऐसी ही खरी-खरी बातें पढ़िए, आज के इस एपिसोड में…
1. पत्थर खा गया, रेत खा गया, मिट्टी खा गया
राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। दीपावली की रामा-श्यामा के जरिए प्रत्याशी जनता की नब्ज टटोल रहे हैं।
भायाजी को डर है कि कहीं उनका पर्चा रद्द न कर दिया जाए। इसलिए जिला प्रमुख पत्नी को भी पर्चा भरा दिया है। ताकि मुश्किल घड़ी में वे नहीं तो उनकी पत्नी चुनाव लड़ सकें।
हालांकि यह पैंतरा बच्चे-बच्चे को समझ आ रहा है। सोशल मीडिया पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थक एक बच्चे ने भायाजी की पोल खोल दी।
बच्चे ने कहा- पत्थर खा गया, रेत खा गया, मिट्टी खा गया…और जिला प्रमुख पत्नी को बना दिया…वोट दें हम और जिला प्रमुख पत्नी को बना दिया…ऐसे व्यक्ति को वोट देने का क्या फायदा?

बारां के अंता विधानसभा चुनाव के माहौल में एक बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। इसमें बच्चा कांग्रेस प्रत्याशी की पोल खोल रहा है।
2. सांसद महोदय का पटाखा प्रेम
नागौर से सांसद और RLP के प्रमुख हनुमान बेनीवाल फायर ब्रांड नेता हैं। जब भी उनका मुंह खुलता है, सियासी चिन्गारियां निकलती हैं।
वे कभी जुबानी जमीन चक्कर चलाते हैं तो कभी सुरसुराता रॉकेट छोड़ देते हैं। मूड हल्का हो तो बातों को लपेटकर फुलझड़ियां भी छोड़ देते हैं।
सोशल मीडिया पर उनके आतिशबाजी के वीडियो आए। दीपावली के मौके पर उन्होंने मान लिया कि उन्हें पटाखों का शौक है।
इतना ही नहीं, ये भी कह गए कि राजनीति में वे शब्दों के जरिए बम भी फोड़ते रहते हैं। वे बोले- बीजेपी नेताओं के साथ रहा हूं, इसलिए ईडी-सीबीआई की रेड नहीं पड़ी।

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि उन्हें पटाखे चलाने का शौक है। राजनीति में वे जुबानी बम दागते रहते हैं।
3. पांच बार ओलिंपिक में कौन गया पूर्व सांसद महोदय?
भाजपा ने सांसद खेल प्रतियोगिताएं हर लोकसभा क्षेत्र में कराई। उन क्षेत्रों में भी करा दी जहां से उनके सांसद हार गए। बाड़मेर में सांसद कांग्रेस के उम्मेदाराम।
वहां से पूर्व सांसद कैलाश चौधरी ने खेल प्रतियोगिता का आयोजन कर दिया। मौजूदा सांसद का कहीं नाम नहीं। उनसे कोई परमिशन नहीं ली। उन्हें किसी तरह की सूचना नहीं दी।
सांसद महोदय बिगड़ गए। आयोजन के लिए कलेक्टर को चिट्ठी लिख दी। पूछ लिया कि सांसद के नाम पर जो प्रतियोगिता हो रही है वह सांसद की परमिशन के बिना कैसे हो रही है?
इसी बात को भूमिका बनाकर पूर्व सांसद महोदय ने कहा- कांग्रेस के नेता खेल के दुश्मन हैं। जोधपुर से मेरा एक दोस्त 5 बार ओलिंपिक में गया लेकिन गोल्ड नहीं जीत पाया। कहता है कि उस समय सुविधाएं नहीं मिलीं।
अब सोशल मीडिया पर नेताजी ट्रोल हो रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि ‘फेंकने’ की प्रतियोगिता होती तो सारे मेडल नेताजी के नाम होते।

बाड़मेर में पूर्व सांसद कैलाश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के नेता खेलों के दुश्मन हैं।
4. चलते-चलते…
वह खतरनाक गैंग का शूटर है। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम रखा था। वह फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
उसे भनक लगी कि वह घिर चुका है। पुलिस उसे दबोचने वाली है। अब तक हथियार के दम पर उसने खूब ऊधम मचाया था। अब ऊंट पहाड़ के नीचे था।
पहाड़ के नीचे आते ही ऊंट को अपनी ऊंचाई का घमंड धराशायी होते नजर आता है। शूटर को जब लगा कि जान पर बन आई है तो उसने घाघरा-ओढ़नी पहन ली।
लेकिन उसकी करतूत घाघरा-ओढ़नी में भी छुपने वाली नहीं थी। पुलिस ने उसको उसी अवतार में दबोच लिया। जब उसे बहरोड़ थाने लाया गया तो वह लचक कर चल रहा था। लगता है भागते वक्त गिर गया होगा।

बहरोड़ पुलिस ने रोहित गोदारा गैंग के शूटर अभिषेक को गिरफ्तार किया। फरार होने के लिए उसने घाघरा ओढ़नी पहनी थी।
वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब कल मुलाकात होगी…
