Rajasthan News, Himmat Singh supported the farmers’ march to Delhi | हिम्मत सिंह ने किसानों के दिल्ली कूच को दिया समर्थन: बोले- मैं 6 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच में शामिल रहूंगा – Jaipur News


किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने किसानों के दिल्ली कूच को समर्थन दिया है। किसान नेता ने बयान जारी कर कहा कि 6 दिसंबर को किसानों का दिल्ली कूच का मैं समर्थन करता हूं और मैं किसानों के साथ दिल्ली कूच में शामिल रहूंगा।

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आख़िरकार किसानों का दिल्ली कूच क्यों

देश में किसानों की फसलों पर MSP देने की सालों से चर्चा हो रही हैं। हर पार्टी चुनाव के वक्त किसानों को MSP देने की बात करती हैं लेकिन सत्ता में आते ही हर पार्टी का रुख बदल जाता हैं। हिम्मत सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा- एक वक्त था जब PM नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे उनकी ज़ुबान पर और हर भाषण में किसानों की फसल पर MSP गांरटी क़ानून बनाने की बात हुआ करती थीं। इन्होंने ही वर्ष-2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी कमेटी की रिपोर्ट सौंप कर देश में किसानों को उनकी उपज का स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर C2+50 फ़ार्मूला के तहत MSP का निर्धारण कर गारंटी क़ानून बनाने की शिफारिश की थी। वहीं एक दौर आज का है, देशभर का किसान MSP की मांग पर पिछले 9 माह से हरियाणा-पंजाब और हरियाणा-राजस्थान के बॉर्डर पर अपने खेत खलिहान छोड़कर धरने पर बैठा है। प्रधानमंत्री ने किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए अर्द्ध सैनिक बलों का इस्तेमाल किया। किसानों पर दुश्मन देश से युद्ध के दौरान घातक हथियारों का इस्तेमाल करते है वो घातक हथियार अपने ही देश के किसानों पर इस्तेमाल किए गए। किसानों पर आंसू गैस, मिर्ची बम और वॉटर केनन और लाठीचार्ज किया गया। जब किसान दिल्ली आने से नहीं रुके तो हरियाणा पुलिस ने किसानों को निशाना बनाकर फ़ायरिंग की नौजवान किसान शुभकरण सिंह के सीर में गाली मार कर शहीद कर सैकड़ों किसानों को गंभीर घायल कई किसानों को अंग भंग कर दिया जो आज भी जीवन और मौत से लड़ रहे है।

उन्होने बताया- 3 काले कृषि क़ानूनों को वापस लेने पर तत्कालीन कृषि मंत्री ने संसद में बोला था कि 3 कृषि क़ानूनों में काला क्या है.?अब वापस लिया तो हमें सफ़ेद क्या है ये नहीं बताया? अब बोल रहे हैं MSP किसानों की नई मांग है। उन्हें हम बताना चाहते है ये मांग हमारे आंदोलन के पहले दिन से ही नहीं वर्षों पुरानी है। हम इसे लागू करवाकर ही दम लेंगे।

किसानों की मांग है आज तक MSP पर बहुत कमेटी बनाई गई लेकिन सब रिपोर्ट यूं ही डब्बा बंद हैं..अब केवल एक सीधी मांग है – MSP गांरटी कानून चाहिए। देश के किसानों की अपनी उपज का सही वास्तविक मूल्य मिल सके इस हेतु फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी क़ानून सरकार लागू करें, यदि किसानों की उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम में ख़रीदा गया तो सजा का प्रावधान रखा जावे। किसानों की इस मांग को सरकार लागू क्यों नहीं करना चाहती हैं ? इस बात को लेकर किसानों को सरकार की मंशा के प्रति शंका पैदा हो रही हैं।

9 महीने से शंभू बॉर्डर पर खुले असमान के नीचे बैठने के बाद, 6 दिसंबर को किसान MSP गारंटी कानून की मांग लेकर पैदल दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे, वही MSP जिसकी घोषणा सेंटर सरकार करती है, वहीं MSP जो सरकार के अनुसार हर किसान को मिलनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश नहीं मिलती। उन्होंने कहा- आशा है प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की मांग को सुनेंगे।

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