Raj Kapoor gave a new name to Suresh Wadekar | राज कपूर ने दिया सुरेश वाडेकर को नया नाम: बोले थे- तुम मेरे मुकेश चंद हो, जब तक जिंदा हूं, आरके फिल्म्स में गाओगे

4 मिनट पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र

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लीजेंडरी सिंगर मुकेश के निधन के बाद राज कपूर को अपनी फिल्मों के लिए एक फ्रेश आवाज की तलाश थी। म्यूजिक डायरेक्टर लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने सुरेश वाडेकर की मुलाकात राज कपूर साहब से कराई। राज कपूर साहब ने सुरेश वाडेकर को नया नाम मुकेश चंद दिया और कहा कि जब तक जिंदा हूं,आरके फिल्म्स यही गाएंगे। हालांकि, राज कपूर साहब के बेटे किसी और चर्चित सिंगर से गवाना चाहते थे। राज कपूर साहब की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी पर सुरेश वाडेकर ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान उनसे जुड़े कुछ खास किस्से शेयर किए।

राज कपूर का बहुत कमाल का ऑब्जरवेशन था

इंडियन सिनेमा के शोमैन राज कपूर साहब से पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए सुरेश वाडेकर ने कहा- जब लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी का कॉल आया कि तुम राज कपूर साहब के लिए गा रहे हो, मुझे अपने कान पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि क्या सुन रहा हूं? उस समय एक गाने की रिकॉर्डिंग कर रहा था। रिकॉर्डिंग खत्म करके लक्ष्मीकांत प्यारेलाल जी के घर पहुंचा। राज साहब बैठे थे। मैंने उनका चरण स्पर्श किया। वे मेरा हाथ पकड़कर बोले कि एयर कंडीशन गाड़ी से आए हो। सोचिए, उनका किस तरह का ऑब्जरवेशन था।

अपने कलाकारों और गायकों से बहुत प्यार करते थे

लीजेंडरी सिंगर मुकेश के बाद सुरेश वाडेकर ने राज साहब की तीन फिल्मों प्रेम रोग, राम तेरी गंगा मैली और हिना में गाया है। सुरेश वाडेकर कहते हैं- मैं खुद को बहुत भाग्यशाली समझता हूं कि इतने बड़े मेकर की फिल्म में गाने का मौका मिला। राम तेरी गंगा मैली के समय उनके सुपुत्रो को लगता था कि उस समय के किसी बड़े लोकप्रिय सिंगर से गीत गवाना चाहिए। एक दिन राज साहब ने अपने कॉटेज पर मिलने के लिए बुलाया और बोले कि आज एक बड़ा ड्रामा होने वाला है। मेरे बेटे चाहते हैं कि फिल्म में किसी और सिंगर से गवाया जाए, लेकिन जब तक मैं जिंदा हूं। मेरी फिल्म सुरेश वाडेकर ही गाएंगे। वो अपने कलाकारों और गायकों से बहुत प्यार करते थे।

राज कपूर ने सुरेश वाडेकर से कि तुम मेरे मुकेश चंद हो

सुरेश वाडेकर कहते हैं- राज साहब ने कहा था कि फीमेल वॉइस में लता जी ( लता मंगेशकर) मेरी फिल्मों में गाती ही हैं। अब से आरके स्टूडियो में जितनी फिल्में बनेंगी मेल वॉइस में तुम ही गाओगे। तुम ही मेरे मुकेश चंद हो। उस क्षण मेरी आंखों से आंसू आ गए थे। ऐसे लीजेंडरी लोगों के साथ गाना बहुत सौभाग्य की बात होती है। राज साहब म्यूजिक के बहुत ही बड़े जानकार थे। उनको इस बात की अच्छी तरह से समझ थी कि सिंगर्स से किस तरह से गवाएं।

भंवरे वाली आवाज सुनकर राज साहब बोले पूरे गाने में यही चाहिए

फिल्म ‘प्रेम रोग’ की रिकॉर्डिंग का किस्सा शेयर करते हुए सुरेश वाडेकर कहते हैं- प्रेम रोग के गीत ‘भंवरे ने खिलाया फूल’ की रिकॉर्डिंग के दौरान रिहर्सल में फ्लूट बज रहे थे। इसी बीच मैंने भंवरे वाली आवाज निकाली। उस समय राज साहब स्टूडियो में मौजूद थे। आवाज सुनकर कहने लगे कि ये आवाज किसने निकाली है। ये सुनकर मैं तो घबरा गया। मैंने उनसे कहा कि पापा जी मुझे माफ कीजिए। इसके बाद वे बोले- नहीं, पूरे गाने में यही आवाज चाहिए।

गाने के 10 हजार मिले तो लगा कि गलती से किसी और का पेमेंट मिल गया

उन दिनों एक गाने के एक हजार से पंद्रह सौ रुपए मिलते थे। जब प्रेम रोग के गाने की रिकॉर्डिंग खत्म होने के बाद राज साहब ने सुरेश वाडेकर को लिफाफे में 10 हजार रुपए दिए तो सुरेश वाडेकर को लगा कि गलती से किसी का पेमेंट उन्हें मिल गया है। सुरेश वाडेकर कहते हैं- मैंने राज साहब से कहा कि पापा जी, शायद गलती से किसी और का लिफाफा मुझे मिल गया है। वे बोले- क्यों बेटा, कम लग रहा है क्या तुमको? इतना बड़ा दिल वाला इंसान आज तक नहीं देखा।

म्यूजिक सीटिंग फेस्टिवल जैसा होता था

सुरेश वाडेकर कहते हैं- राज साहब के लिए म्यूजिक सीटिंग एक फेस्टिवल जैसा होता था। उनके साथ काम करना घर के माहौल जैसा होता था। कृष्णाजी ( राज कपूर की पत्नी) सबको प्यार से खाना खिलाती थीं। अगर रिकॉर्डिंग के समय कोई रिदमिस्ट देरी से आता था तो खुद ही डफ लेकर बजाने लगते थे। बेसिक म्यूजिक की उनको बहुत समझ थी। अपने भाइयों शशि कपूर और शम्मी कपूर को उन्होंने बचपन में म्यूजिक सिखाया था।

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