13 घंटे पहले
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आज (5 अगस्त) पुत्रदा (पवित्रा) एकादशी है। सावन, एकादशी और मंगलवार के योग में भगवान शिव, श्रीहरि के साथ ही मंगल ग्रह और हनुमान जी की पूजा का शुभ योग है। सावन में शिव पूजा, एकादशी के स्वामी श्रीहरि हैं, मंगलवार का कारक ग्रह मंगल है और मंगलवार को हनुमान का अवतार हुआ था। इस वजह से आज इन चारों देवताओं की पूजा जरूर करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, सावन शुक्ल एकादशी यानी पुत्रदा एकादशी व्रत से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। ये व्रत संतान के सुखद भविष्य की कामना से किया जाता है। एकादशी व्रत में दिनभर निराहार रहना पड़ता है। जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार और दूध का सेवन कर सकते हैं।
एकादशी के दिन व्रत और विष्णु पूजा करने से जाने-अनजाने में किए सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। भक्त के दुख दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। एकादशी व्रत के बारे में स्कंद पुराण में बताया गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव युधिष्ठिर को सालभर की सभी एकादशियों का महत्व समझाया था।
सावन, मंगलवार और एकादशी के योग में कर सकते हैं ये शुभ काम
- एकादशी पर सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। गणेश जी को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं और ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें। शिवलिंग का अभिषेक करें। बिल्व पत्र, धतूरा और आंकड़े के फूल चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
- भगवान विष्णु के साथ महालक्ष्मी का अभिषेक करें। दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और भगवान की प्रतिमाओं को स्नान कराएं। दूध के बाद जल से स्नान कराएं। पूजा में फल-फूल, गंगाजल, धूप दीप और प्रसाद आदि अर्पित करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें। पूजा में विष्णु जी के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जप कम से कम 108 बार करें।
- जो लोग एकादशी व्रत करते हैं, उन्हें दिन में एक समय फलाहार करना चाहिए। दिनभर विष्णु जी की भक्ति करें। विष्णु जी की कथाएं पढ़ें और सुनें। अगले दिन यानी द्वादशी पर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं, दक्षिणा दें। इसके बाद खुद भोजन ग्रहण करें। इस तरह एकादशी व्रत पूरा होता है।
- मंगलवार और एकादशी के योग में हनुमान जी के सामने धूप-दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। श्रीराम की पूजा करें। ऊँ रामदूताय नम: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
- जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित दोष हैं, उन्हें मंगलवार को शिवलिंग पर लाल गुलाल और लाल मसूर की दाल चढ़ानी चाहिए। मंगल ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में ही की जाती है, इसलिए मंगल दोष दूर करने के लिए शिव पूजा करनी चाहिए।