Putrada Ekadashi on 15 August and 16 August, Putrada Ekadashi significance in hindi, shiv puja vidhi, vishnu pujan vidhi | पुत्रदा एकादशी की तारीख को लेकर पंचांग भेद: 15 और 16 अगस्त को रहेगी सावन शुक्ल एकादशी, संतान के सौभाग्य की कामना से किया जाता है ये व्रत

  • Hindi News
  • Jeevan mantra
  • Dharm
  • Putrada Ekadashi On 15 August And 16 August, Putrada Ekadashi Significance In Hindi, Shiv Puja Vidhi, Vishnu Pujan Vidhi

13 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

इस बार सावन शुक्ल एकदाशी (पुत्रदा) की तारीख को लेकर पंचांग भेद हैं। कुछ पंचांग में 15 अगस्त और कुछ में 16 अगस्त को एकादशी व्रत बताया गया है। दरअसल, एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त की सुबह सूर्योदय के कुछ समय बाद होगी और अगले दिन यानी 16 अगस्त को सूर्योदय के बाद तक रहेगी। इस वजह से पुत्रदा एकादशी व्रत को लेकर पंचांग भेद हैं।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, एकादशी व्रत के लिए उदयातिथि ज्यादा शुभ रहती है। उदयातिथि यानी जिस तिथि में सूर्योदय होता है, वही तिथि पूरे दिन मानी जाती है। 15 अगस्त को सूर्योदय के समय दशमी तिथि ही रहेगी, जबकि 16 अगस्त को सूर्योदय के समय एकादशी तिथि रहेगी। इस वजह से 16 तारीख को ये व्रत किया जा सकता है। हम अपने-अपने क्षेत्र के पंचांग और विद्वानों के मत के अनुसार भी एकादशी व्रत कर सकते हैं।

सावन और एकादशी का शुभ योग

सावन मास में आने वाली एकादशी का महत्व काफी अधिक है। सावन शिव जी का प्रिय माह है और एकादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु हैं। सावन शुक्ल पक्ष में पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है। ये व्रत संतान के सुखी जीवन, सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना से करते हैं। महिलाएं दिनभर निराहार रहती हैं और भगवान विष्णु की पूजा, मंत्र जप करती हैं, कथाएं सुनती हैं।

सावन और एकादशी के योग में शिव जी के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा का शुभ योग बन रहा है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और शिव जी का दूध से अभिषेक करें। विष्णु जी के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और शिव जी के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जप करें।

ऐसे कर सकते हैं विष्णु पूजन

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। अभिषेक करने के लिए दूध में केसर मिलाएं और इस दूध को शंख में भरकर भगवान को स्नान कराएं।

ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। भगवान विष्णु को पीले चमकीले वस्त्र चढ़ाएं। देवी लक्ष्मी को लाल चुनरी ओढ़ाएं। कुमकुम का तिलक लगाएं। लाल चूड़ी, सिंदूर, लाल फूल अर्पित करें।

देवी-देवता का फूलों से श्रृंगार करें। दूध से बनी मिठाई का भोग तुलसी के पत्तों के साथ लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

एकादशी पर भगवान श्रीकृष्ण के साथ ही गौमाता की भी पूजा करनी चाहिए। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *