पुष्कर मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 9 नवंबर से इसकी शुरुआत होगी। इससे पहले यहां बड़ी संख्या में ऊंंट और घाेड़े पहुंच चुके हैं। इसके लिए सावित्री मंदिर के पीछे मोतीसर रोड के किनारे रेत के धोरों पर इनके लिए टेंट लगाए गए हैं। इनका सजाय
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मेले में इस वर्ष पशुपालन विभाग की ओर से 12 पशु चौकियां बनाई गई हैं। यहां पशु मेले में आने वाले ऊंट,घोड़े और अन्य पशुओं की एंट्री की जा रही है।
मंगलवार तक हुई एंट्री के अनुसार, ऊंटों से ज्यादा घोड़े इस मेले में पहुंचे हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेश डॉ. सुनील घीया ने बताया- अब तक 1152 पशु आए हैं। इनमें 462 ऊंट और 689 घोड़े हैं। एक भैंस अब तक यहां पहुंची है।
ड्रोन वीडियो-फोटो में देखें पुष्कर मेले की तैयारी
पुष्कर पशु मेले के लिए यहां के धोरों पर टेंट लगाकर एक अलग गांव बसाया गया है।
सैंड आर्टिस्ट की ओर से यहां अलग-अलग तरह की मिट्टी से अलग-अलग कलाकृतियां बनाई गई हैं। इनमें से एक ऊंटों की हैं, जिस पर पशुपालक फोटो खींचवाते हुए नजर आए।
9 नवंबर पुष्कर पशु मेले की शुरुआत होगी। धीरे-धीरे इस मेले में आने वाले पशुपालकों की संख्या भी बढ़ेगी।
इस बार पिछली बार की तुलना में ऊंट कम आए हैं।
पिछले साल 2023 में 8 हजार 87 पशु आए थे। इनमें ऊंट, घोड़े, और भैंसों की बिक्री से करोड़ों का व्यापार हुआ था।
मेले को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 2 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को यहां तैनात किया गया है।
पुष्कर मेले के प्रमुख कार्यक्रम…
- 9 नवंबर: मेला मैदान में पूजा, ध्वजारोहण, नगाड़ा वादन, मांडना प्रतियोगिता, सैंड आर्ट फेस्टिवल, कैमल मार्च, दीपदान, महाआरती, और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- 10 नवंबर: देसी-विदेशी पर्यटकों के बीच खेल प्रतियोगिताएं, कैमल डेकोरेशन प्रतियोगिता, कैमल डांस, शाम को अनिरुद्ध वर्मा का फ्यूजन म्यूजिक कार्यक्रम।
- 11 नवंबर: कबड्डी मैच, हॉर्स डांस, रस्सा कस्सी प्रतियोगिता, शाम को अनवर खान का डेजर्ट सिंफनी कार्यक्रम।
- 12 नवंबर: आध्यात्मिक यात्रा, महाआरती, अनूप जलोटा का भजन कार्यक्रम।
- 13 नवंबर: क्रिकेट मैच, मूंछ, साफा, और तिलक प्रतियोगिताएं, ब्रह्मा मंदिर एंट्री प्लाजा में भजन कार्यक्रम।
- 14 नवंबर: महिलाओं के लिए मटका रेस, म्यूजिकल चेयर, महाआरती, कैलाश खेर की संगीत संध्या।
- 15 नवंबर: समापन समारोह, प्राइज वितरण, ग्रुप डांस, काला जत्था यात्रा, विभिन्न रेस प्रतियोगिताएं।
इनपुट सहयोग:शत्रुंजय पाराशर