Punyadayi month till 22nd June: Donating sesame seeds in the month of Jyeshtha gives the fruits of Ashwamedha Yagna, Hanuman met Shri Ram in this month | पुण्यदायी महीना 22 जून तक: पुण्यदायी महीना 22 जून तक: ज्येष्ठ मास में तिल दान से मिलता है अश्वमेध यज्ञ का फल, इसी महीने श्रीराम से मिले थे हनुमान

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29 मिनट पहले

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ज्येष्ठ महीना 22 जून तक रहेगा। इस महीने के दौरान तीर्थ स्नान करने और जरुरतमंद लोगों को दान देने की परंपरा है। इस महीने में भगवान विष्णु को त्रिविक्रम रूप को पूजते हैं।

ज्येष्ठ मास हनुमान जी को बहुत प्रिय है, क्योंकि श्रीराम से हनुमान जी की पहली मुलाकात इसी महीने में हुई थी। इसी कारण ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बहुत खास माना जाता है। जिसे बड़ा मंगल कहते हैं। मान्यता है कि इस महीने के हर मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा करने से परेशानियां दूर होती हैं। ज्येष्ठ महीने के दौरान नियम और संयम से रहने पर उम्र बढ़ती है और बीमारियां भी दूर होती है। ग्रंथों में भी इस बात का जिक्र है।

ज्येष्ठ मास की पूजा-पाठ और व्रत विधान
इस हिंदी महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने का विधान है। इसके लिए ज्येष्ठ मास के गुरुवार, एकादशी, द्वादशी और पूर्णिमा को भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की विशेष पूजा करनी चाहिए। इसके लिए दूध और गंगाजल मिलाकर शंख में भरकर अभिषेक करें। तुलसी पत्र चढ़ाएं और इन तिथियों पर व्रत रखकर जरुरतमंद लोगों को दान दें।

इस महीने में मिलता है अश्वमेध और गोमेध यज्ञ का पुण्य
ज्येष्ठ महीने की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके भगवान त्रिविक्रम की पूजा करना चाहिए। इससे गोमेध यज्ञ का फल मिलता है। शिव पुराण के मुताबिक ज्येष्ठ महीने में तिल का दान करने से शक्ति और उम्र बढ़ती है। धर्मसिन्धु ग्रंथ में लिखा है कि ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा पर तिल का दान करने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।

ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मथुरा में रहकर उपवास करते हुए यमुना नदी में स्नान कर के भगवान कृष्ण की पूजा करने से अश्वमेध-यज्ञ का पूरा फल मिल जाता है। इस महीने की पूर्णिमा पर भी इसी तरह पूजा कर के नारद पुराण सुने तो जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं। इस तरह भगवान विष्णु की आराधना करने से वैकुंठ मिलता है।

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