Punjab Vidhansabha By Election 2024 ; Last Date File Nomination | Dera Baba Nanak Giddarbaha Chabbewal Barnala | पंजाब विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन: डेरा बाबा नानक से जतिंदर, चब्बेवाल से सोहन सिंह करेंगे नामांकन दाखिल; SAD नहीं लड़ेगा चुनाव – Mohali News

गुरुवार कई दिग्गज नेताओं ने नामांकन दाखिल किया।

पंजाब में विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है। राज्य की 4 विधानसभा सीटों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला में 13 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे हैं। आज यानी शुक्रवार को पंजाब के कई बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे

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अब 28 अक्टूबर को स्क्रूटनी कमेटी दस्तावेजों की जांच करेगी। पिछले 5 दिनों की बात करें तो चुनाव आयोग के पास करीब 27 हलफनामे पहुंचे हैं। आज आखिरी दिन डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीट पर बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे। इन पूरे चुनावों में अकाली दल ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। अब देखना यह है कि अकाली दल के कोर वोटर किसकी तरफ झुकते हैं।

हालांकि अकाली दल ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि वह चुनाव से दूर रहकर किस पार्टी का समर्थन करेगा। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा की पत्नी डॉ. राजिंदर कौर शुक्रवार को डेरा बाबा नानक सीट से नामांकन दाखिल करेंगी। वहीं, चब्बेवाल से भाजपा की ओर से घोषित उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल भी शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

गुरुवार को कई नेताओं ने दाखिल किए नामांकन

इन उपचुनावों के लिए गुरुवार को पंजाब के कई बड़े नेताओं ने नामांकन दाखिल किए। बरनाला से भाजपा उम्मीदवार केवल ढिल्लों और कांग्रेस उम्मीदवार काला ढिल्लों ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने से पहले दोनों ने रोड शो भी किया।

पंजाब की हॉट सीट बन चुकी गिद्दड़बाहा में भाजपा से पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल और कांग्रेस उम्मीदवार अमृता वड़िंग ने नामांकन दाखिल किया। इनके अलावा चब्बेवाला से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. ईशाक, डेरा बाबा नानक से रविकरण सिंह काहलों, गिद्दड़बाहा से हरचरण सिंह बराड़ और आप उम्मीदवार हरदीप सिंह ने नामांकन दाखिल किया।

अकाली दल ने चुनाव से दूरी बनाई

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने राज्य में चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में अपने उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है। चंडीगढ़ में आज पार्टी की कार्यसमिति और जिला प्रधानों की बैठक में यह फैसला लिया गया। पंजाब में 1992 के बाद यह पहला मौका है जब अकाली दल ने राज्य में होने वाले किसी भी चुनाव में उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है। पार्टी के इस फैसले के पीछे पंथिक संकट को वजह बताया जा रहा है।

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