हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से गिरफ्तार पंजाब के 2 प्रोफेसरों से विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने मंगलवार को पूछताछ की। विजिलेंस पूछताछ में दोनों ने बताया कि पालमपुर स्थित साई स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में स्टूडेंट्स और प्रोफेसर की ऑनल
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गिरफ्तार प्रोफेसर्स ने विजिलेंस को बताया, PCI ने इस शैक्षणिक सत्र से फार्मेसी के सभी सरकारी और प्राइवेट कॉलेज-यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स और प्रोफेसर का ऑनलाइन वैरिफिकेशन शुरू किया है। वह संबंधित संस्थान की इंस्पेक्शन रिपोर्ट ऑनलाइन सब्मिट करने के बाद 10 अगस्त को पालमपुर के इन्फिनिटी स्पोर्ट्स क्लब और टी गार्डन रिसॉर्ट के रूम नंबर 201 में ठहरे थे। 11 अगस्त को चेक-आउट करके वापस लौट रहे थे।
धर्मशाला कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाते हुए विजिलेंस टीम।
3.50 लाख की रिश्वत के साथ किया था गिरफ्तार
विजिलेंस ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी फरीदकोट के एसोसिएट प्रोफेसर राकेश चावला और सेंट्रल यूनिवर्सिटी घुद्दा (बठिंडा) के प्रोफेसर पुनीत कुमार को बीते रविवार शाम को 3.50 लाख रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था। इस दौरान रक्कड़ पुलिस स्टेशन में कार की तलाशी में राकेश चावला और पुनीत कुमार के लैपटॉप बैग से दो अलग-अलग इन्फिनिटी स्पोर्ट्स क्लब की 15 हजार रुपए की रसीद नंबर 2024 24/25/592 रूम रेंट के रूप में बरामद की।
चावला की सूटकेस से मिले 1.70 लाख
विजिलेंस टीम ने कार की तलाशी ली तो कार से राकेश चावला के चॉकलेट ब्राउन रंग का सूटकेस मिला। उसके अंदर रखे पॉलिथीन से 1.70 लाख रुपए बरामद हुए। इन नोटों की गड्डियों पर एक्सिस बैंक पालमपुर ब्रांच की स्लिप लगी हुई थी। उन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया। जांच में पता चला कि यह सारा कैश पालमपुर शाखा से 9 अगस्त को ही विड्रा किया गया था।
पुनीत कुमार के सूटकेस से 1.80 लाख मिले
इसके बाद टीम ने प्रोफेसर पुनीत कुमार के सूटकेस की तलाशी ली तो तौलिए में लपेटकर रखे गए 1.80 लाख रुपए बरामद हुए। टीम ने जब दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो वह रुपए के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जांच अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन दोनों के बैंक डिटेल्स ली गई है। शीघ्र ही पंजाब के विभिन्न स्थानों पर टीम भेजकर जानकारियां जुटाई जाएंगी।
विजिलेंस ने प्रोफेसर की यूनिवर्सिटी को किया सूचित
गिरफ्तार दोनों प्रोफेसर्स की यूनिवर्सिटी से भी संपर्क कर इनके गिरफ्तार होने की सूचना दे दी गई है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पत्र भेजकर कर इनकी इंस्पेक्शन रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही खुलासा होगा कि इन्होंने साई स्कूल ऑफ़ साई स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च को इंसपेशन से क्या अनुचित लाभ दिया है। जबकि श्री साईं यूनिवर्सिटी के प्रबंधक ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यह रूटीन इंस्पेक्शन थी जिस ऑनलाइन सबमिट किया जाता है।