पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। इसी मामले को लेकर आज (बुधवार को) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस दौरान दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को पेश होना है। पराली जलाने से रोकने के लिए उनके द्वारा की गई कार्रवाई
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अदालत ने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। अगर उनके आदेशों का पालन नहीं किया तो अवमानना का केस दर्ज किया जाएगा।अदालत दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण भी सख्त है।
डीसी व एसएसपी ने फील्ड में संभाला मोर्चा
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब सरकार खुद हरकत में आ गई है। सभी जिलों में प्रशासनिक अधिकारी फील्ड में उतार दिए गए हैं। वह लोगों को जागरूक करने के साथ आग बुझाने को लेकर गंभीरता दिखा रहे हैं। सभी जिलों के DC और SSP ने पूरे राज्य में 522 जॉइंट दौरे किए गए। SDM और DSP द्वारा 981 संयुक्त दौरे किए गए। इस दौरान उन्होंने 2504 जन जागरूकता बैठकें की हैं, जबकि किसान और किसान यूनियनों के साथ 2457 बैठकें आयोजित की गईं।
अमृतसर की डीसी साक्षी साहनी ने खुद खेतों में पहुंचकर पराली जलाने से लोगों को रोका। (फाइल फोटो)
874 पर केस दर्ज व 394 के रिकॉर्ड में रेड एंट्री
पराली जलाने के मामलों में पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री भी की गई है। पंजाब पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल डीजीपी) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला की तरफ से यह जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही है। बल्कि लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकें।
आम आदमी पार्टी की यूथ विंग द्वारा शेयर की गई मीडिया पोस्ट।
पराली के धुएं पर राजनीति जोरों पर
एक तरफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस मामले में राजनीति गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी यूथ विंग के सोशल मीडिया अकाउंट X पर दिल्ली में प्रदूषण को लेकर एक पोस्ट शेयर की गई है। जिसमें कहा गया है कि बीजेपी की केंद्र सरकार के डाटा ने बताया बीजेपी शासित राज्यों का सच। हरियाणा में पराली जलाने के 23 फीसदी केस बढ़े। यूपी में 71 फीसदी केस बढ़े, जबकि AAP शासित राज्य पंजाब में 27 फीसदी पराली जलाने के केस कम हुए हैं।