Punjab Roadways Punbus PRTC Government Employees 3 Days Strike Update | Punjab Roadways | Punbus | Jalandhar | Amritsar | Ludhiana | Chandigarh | Punjab News | पंजाब में लगातार दूसरे दिन सरकारी बस बंद: एक दिन में साढ़े 3 करोड़ से ज्यादा नुकसान; आज चंडीगढ़ में CM आवास घेरेंगे कर्मचारी – Jalandhar News

पनबस, पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के मुलाजिम हड़ताल पर हैं। जालंधर में भी बंद का पूरा असर देखने को मिला।

पंजाब में सरकारी बसें के ड्राइवर और कंडक्टरों सहित अन्य मुलाजिमों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। कल यानी सोमवार को करीब 3 हजार से ज्यादा सरकारी पंजाब रोडवेज, PRTC और पनबस की बसें बंद रही। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

.

उक्त बंद से सरकार को करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। आज उनकी हड़ताल का दूसरा दिन है। पंजाब के मोहाली में कर्मचारी इकट्ठा होंगे और वहां से वे चंडीगढ़ में सीएम आवास की ओर बढ़ेंगे। इसे लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

प्राइवेट बसों पर निर्भर रहेंगे यात्री

पीआरटीसी, पनबस और पंजाब रोडवेज बसों के कर्मचारी 6 जनवरी से 8 जनवरी तक हड़ताल पर रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों ने भी इन्हें समर्थन दे दिया है। इससे यात्रियों को प्राइवेट बसों पर निर्भर रहना पड़ेगा। हड़ताली कर्मचारी उन्हें पक्का करने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पनबस और पीआरटीसी ठेका कर्मचारी यूनियन ने पिछले महीने सभी मंत्रियों को मांग पत्र भी सौंपे थे। इसके बावजूद उनकी मांग पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

इसके उलट पड़ोसी राज्य हरियाणा और हिमाचल वहां की सरकारें कर्मचारियों को 2 साल बाद परमानेंट कर रही हैं। मगर पंजाब सरकार उमा देवी फैसले का बहाना बनाकर पंजाब के कर्मचारियों का शोषण कर रही है।

हड़ताल से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हड़ताल से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले साल 1 जुलाई को मुख्यमंत्री से हुई थी मुलाकात

हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने कहा- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1 जुलाई 2024 को यूनियन के साथ बैठक के बाद विभाग को एक दिन के भीतर मांगों को पूरा करने के निर्देश दिए थे। साथ में कहा गया था कि परिवहन विभाग के लिए अलग से नीति बनाई जाए। मगर, अभी तक हर बैठक में अधिकारियों द्वारा मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

कर्मचारियों के लिए अलग से नीति बनाने की बजाय 10 साल पुरानी नीति के तहत टेस्ट जैसी शर्तें रख शोषण किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने वादा किया था कि सरकार बनते ही ठेकेदार प्रथा को खत्म कर देंगे। मगर, 3 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी कर्मचारियों के लिए कोई समाधान नहीं हुआ है, जिसके विरोध में यूनियन ने धरना-प्रदर्शन किया है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *