जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे।
पंजाब के जालंधर वेस्ट से विधायक शीतल अंगुराल को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इस पर अब विधायक कहना है कि वह इस फैसले को चैलेंज करते हैं, और कोर्ट जाएंगे। इस फैसले के खिलाफ वह पंजाब एंड हरियाणा
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इससे पहले आज सुबह करीब साढ़े 11 बजे स्पीकर से मिलने अंगुराल पहुंचे थे। हालांकि, स्पीकर विधानसभा में मौजूद नहीं थे, इसलिए विधायक को कुछ समय इंतजार करने के बाद लौटना पड़ा। वह स्पीकर के सामने अपना पक्ष रखने पहुंचे थे।
लौटते समय अंगुराल ने कहा, ‘मैं स्पीकर से मिलने पहुंचा था, लेकिन वह विधानसभा में मौजूद नहीं हैं। मैं उनके सेक्रेटरी से मिलकर आया हूं। स्पीकर फिलहाल दिल्ली में हैं, जिसके चलते वह मिल नहीं सके। अब 11 जून को सुबह 11 बजे मुझे दोबारा बुलाया गया है। इस्तीफा वापस लेने का लेटर मैंने सेक्रेटरी के पास जमा कर दिया है, और रिसीविंग ले ली है।’
आप सरकार और स्पीकर पर लाइव होकर भड़के विधायक शीतल अंगुराल।
इस्तीफा मंजूर होने लाइव होकर आप पर भड़के अंगुराल
स्पीकर द्वारा इस्तीफा मंजूर किए जाने पर शीतल अंगुराल शाम करीब सात बजे लाइव होकर आम आदमी पार्टी पर जमकर भड़के। अंगुराल ने कहा- 29 को मैंने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया और 30 मई को मैंने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर साहिब को पत्र लिखा था। 3 जून को मुझे बुलाया गया था। बताए गए समय मैं पहुंच गया था, मगर वह वहां पर नहीं थे।
स्पीकर साहिब के सेक्रेटरी ने मुझे कहा कि आपका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। ये बात मेरी 11.55 पर हुई थी। 11 जून को मुझे दोबारा पेश होने के लिए कहा गया था। अंगुराल ने कहा- दिल्ली का इतनी दबाव है कि पुरानी डेट में मेरा इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। अंगुराल ने कहा- स्पीकर पर इतना दबाव था कि साढ़े तीन बजे मीडिया को बताना पड़ा कि इस्तीफा मंजूर कर दिया गया है। मुझे उम्मीद थी कि हमारे साथ इंसाफ होगा, मगर ऐसा नहीं हुआ।
अंगुराल ने कहा- विधानसभा के इलेक्शन कल करवा लो, मैं डरता नहीं। अंगुराल ने कहा- स्पीकर संधवां बुत बनकर विधानसभा का काम कर रहे हैं। स्पीकर साहिब ने कानून की उल्लंघना की है। अंगुराल ने कहा- राज कुमार चब्बेवाल का इस्तीफा मेरे से पहले आया हुआ है, मगर उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। मगर मेरा इसलिए गया क्योंकि सरकार मुझसे डरी हुई है। अंगुराल ने कहा- स्पीकर साहिब आपको कोर्ट में इसका जवाब देना होगा।
मैंने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया
अंगुराल बोले, ‘मैं चाहता था कि लोकसभा चुनावों के साथ उप-चुनाव होते, जैसा हिमाचल में हुआ है। चुनाव से 69 दिन पहले मैंने इस्तीफा दिया, लेकिन अभी तक मंजूर नहीं किया गया। यह इनकी मर्जी थी। इस्तीफा वापस लेना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार था, जिसे मैंने इस्तेमाल किया।’
वहीं, BJP छोड़ने के सवाल पर अंगुराल ने चुप्पी साधी। बोले, ‘मैं इस पर कोई जवाब नहीं दूंगा। स्पीकर अगर कोई कार्रवाई करते हैं तो मैं कोर्ट का रुख करूंगा।’
इससे पहले जब स्पीकर से मिलने अंगुराल पहुंचे तो उन्होंने कहा, ‘मैंने इस्तीफा केवल इसलिए दिया था, क्योंकि लोकसभा चुनावों के साथ ही उसके चुनाव करवाए जाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेरे लोगों ने वोट मुझे डाले हैं, न की किसी पार्टी को। इसलिए, मैंने इस्तीफा वापस लेने का फैसला लिया है। आज मैं अपना पक्ष रखने आया। मेरे साथ किसी प्रकार कोई धक्का हुआ तो मैं हाईकोर्ट जाऊंगा।’
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे शीतल अंगुराल।
लोकसभा चुनाव से पहले BJP में शामिल हुए थे
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में शीतल अंगुराल आम आदमी पार्टी (AAP) की टिकट से जालंधर वेस्ट से जीतकर विधायक बने थे, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को वह भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन जैसे ही मतदान संपन्न हुआ तो उन्होंने इस्तीफा वापस लेने के लिए विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा है।
स्पीकर को यह पत्र लिखा
शीतल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा, ‘अगर इस्तीफा पहले ही स्वीकार कर लिया जाता तो लोकसभा चुनावों के साथ ही वेस्ट हलके की वोटिंग भी हो जाती, लेकिन विधानसभा स्पीकर ने मेरा इस्तीफा मंजूर नहीं किया। इसके चलते अब उक्त हलके में उप-चुनाव करवाने पड़ेंगे। इससे सरकार का चुनावी खर्च बढ़ेगा। यही वजह है कि मैं अपना इस्तीफा वापस ले रहा हूं।’
इस लेटर के बाद ही शीतल को विधानसभा स्पीकर ने आज वैरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था।
विधायक शीतल अंगुराल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से मोदी का परिवार हटाया। मगर उनके भाई राजन अंगुराल ने पोस्ट शेयर कर लिखा था जय भाजपा तय भाजपा।
सांसद रिंकू के साथ गए थे भाजपा में
जालंधर वेस्ट हलके से विधायक अंगुराल के साथ जालंधर सीट से AAP सांसद रहे सुशील कुमार रिंकू भाजपा में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद जालंधर में AAP वर्करों ने उनके घर के बाहर जमकर नारेबाजी की थी।
वहीं, उन्हें पार्टी का गद्दार तक कह दिया था। इसके बाद जिला पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धरना देने और सरकार संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर मामला दर्ज भी किया था।
ऑपरेशन लोटस के मुख्य शिकायतकर्ता
पंजाब की राजनीति में भूचाल लाने वाले ऑपरेशन लोटस के मुख्य शिकायतकर्ता शीतल अगुंराल ही हैं। करीब डेढ़ साल पहले ऑपरेशन लोटस मामले में AAP के 2 विधायक शीतल अंगुराल और रमन अरोड़ा ने बयान दर्ज करवाए थे।
मोहाली थाने में केस दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी गई थी, लेकिन विजिलेंस की जांच में डेढ़ साल बाद भी कोई ऐसा तथ्य सामने नहीं आया, जिससे किसी को इस केस में नामजद किया जा सके।
भाजपा में शामिल होने के बाद शीतल अंगुराल ने कहा था कि ऑपरेशन लोटस के मामले में क्या-क्या हुआ, इसे लेकर वह जल्द ही बड़ा खुलासा करेंगे।