Punjab Ludhiana Vigilance Investigate Ayushman Scheme Civil Hospital News Update| Ludhiana Vigilance Check Ayushman Scheme knee Operation Record Case Update | लुधियाना विजिलेंस के रडार पर सरकारी डॉक्टर: 2 साल पुराने घुटने के ऑपरेशन का मांगा रिकॉर्ड, सिविल अस्पताल में आयुष्मान योजना की जांच शुरू – Ludhiana News

पंजाब के लुधियाना में सिविल अस्पताल के कई डॉक्टर और स्टाफ विजिलेंस के रडार पर हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने सिविल अस्पताल प्रशासन से पिछले 2 सालों में आयुष्मान कार्ड पर इलाज करवाने वाले मरीजों का डेटा मांगा है।

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विजिलेंस को शिकायत मिली है कि अस्पताल के डॉक्टर मरीजों से सर्जरी और दवाइयों के लिए पैसे लेते हैं, जबकि सरकारी योजना के तहत ये सेवाएं मुफ्त हैं। इसके अलावा यह भी आरोप है कि बाद में सरकार को प्रतिपूर्ति के लिए बढ़े हुए बिल भेजे गए, जो इलाज की वास्तविक लागत से लगभग दोगुना है।

डॉक्टरों पर आरोप- सर्जरी और दवाइयों के लिए मरीजों से दोगुना पैसा लिया

जानकारी के मुताबिक लुधियाना के भगवान महावीर सिविल अस्पताल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत की गई घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में कथित अनियमितताओं की विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है।

जांच एक शिकायत के बाद की गई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि अस्पताल के डॉक्टर मरीजों से सर्जरी और दवाइयों के लिए पैसे लेते हैं, जबकि ये सेवाएं सरकार की ओर से मुफ्त हैं। यह भी आरोप है कि बाद में सरकार को प्रतिपूर्ति के लिए बढ़ा-चढ़ाकर बिल भेजा गया, जो इलाज की वास्तविक लागत से लगभग दोगुना था।

सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आए मरीज।

सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आए मरीज।

2 साल का मांगा विजिलेंस ने सिविल अस्पताल से रिकार्ड

अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (SMO) को लिखे पत्र में, विजिलेंस ब्यूरो ने पिछले दो वर्षों में AB-PMJAY के तहत किए गए सभी घुटने के प्रतिस्थापन सर्जरी के रिकॉर्ड मांगे हैं। कथित तौर पर इस पत्र ने अस्पताल के कर्मचारियों में खलबली मचा दी है, और SMO ने कर्मचारियों को मांगी गई जानकारी तुरंत जमा करने का निर्देश दिया है।

आयुष्मान भारत नीति और शर्तों की कापी भी विजिलेंस ने मांगी

विजिलेंस ब्यूरो के पत्र में आयुष्मान भारत नीति और इसकी शर्तों की एक कापी भी मांगी है, जिसमें यह स्पष्ट करने की मांग की गई है कि क्या योजना के तहत उपचार पूरी तरह से निशुल्क हैं या किसी सेवा या दवा के लिए शुल्क लिया गया है। यदि उन्होंने लाभार्थियों से कुछ राशि ली है, तो इस संबंध में अधिकारियों द्वारा जारी कोई परिपत्र उपलब्ध कराएं।

इसके अतिरिक्त, ब्यूरो ने योजना के तहत इलाज किए गए रोगियों की संख्या, सरकार को बिल की गई राशि और रोगियों से ली जाने वाली किसी भी फीस के बारे में पूरा डेटा मांगा है।

लुधियाना विजिलेंस एसएसपी रविंदरपाल सिंह संधू।

लुधियाना विजिलेंस एसएसपी रविंदरपाल सिंह संधू।

22 अक्तूबर दो देना था सिविल अस्पताल ने डाटा, अब मांगा और समय

अस्पताल के 22 अक्टूबर तक जानकारी देने के लिए कहे जाने के बावजूद, अस्पताल के कर्मचारियों ने कथित तौर पर जवाब देने के लिए और समय मांगा है। विजिलेंस SSP रविंदरपाल सिंह संधू ने पुष्टि की कि शिकायत के आधार पर जांच की गई थी, और अस्पताल के अधिकारियों ने विस्तार की मांग की थी और महीने के अंत तक रिपोर्ट भेजने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि चूंकि जांच जारी है, इसलिए कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।

600 करोड़ रुपये से अधिक के बिल पड़े है लंबित

पता चला है कि पंजाब के निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज देना पहले ही बंद कर दिया है। निजी अस्पताल और नर्सिंग होम एसोसिएशन (पीएचएएनए) पंजाब ने आयुष्मान भारत योजना के तहत भुगतान को मंजूरी देने में सरकार द्वारा लिए गए समय का विरोध किया है। एसोसिएशन के अनुसार सरकार के पास 600 करोड़ रुपये से अधिक के बिल लंबित हैं।

लुधियाना के लॉर्ड महावीरा सिविल अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी से बात हुई तो उसने कहा कि अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल में किए गए घुटने के प्रतिस्थापन सर्जरी का विवरण प्रदान किया जा रहा है। इस मामले की जांच की जा रही है। अभी कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।

केंद्र ने 2017 में योजना की शुरुआत की थी

आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी बीमा योजना है, जो देश के सबसे गरीब 40 प्रतिशत लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक की मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत केंद्र सरकार ने यह योजना साल 2017 में शुरू की थी। हालांकि, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य इस योजना को मानने से इनकार कर रहे हैं और राज्य में खुद अपनी योजना चला रहे हैं।

इस योजना के तहत देश भर के सिलेक्टेड सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करवाया जा सकता है। भर्ती होने के 10 दिन पहले और बाद के खर्च का भी इस योजना के तहत भुगतान का प्रावधान है।

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