पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल पकड़े गए आरोपियों के बारे जानकारी देते हुए।
पंजाब के लुधियाना में पेट्रोल बम से 16 अक्तूबर और 2 नवंबर को शिवसेना नेताओं के घरों पर हमला करने वाले चार आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिए है। एक आरोपी अभी फरार है जो साधू की वेशभूषा में भागा हुआ है। पकड़े गए हमलावरों के वायस (आवाज) का पुलिस टेस्ट करवा
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पुलिस द्वारा हिन्दू नेताओं से सभी धमकी भरे वायस सैंपल की आडियो मंगवाई गई है। इन चारों बदमाशों का 7 दिन का पुलिस रिमांड कोर्ट से हासिल हुआ है। पुलिस ने जब नवां शहर में दबिश दी उससे पहले ही साधू की वेशभूषा पहन कर बदमाश लवप्रीत फरार हो गया था। पुलिस को जो 2 मोबाइल बदमाशों से मिले है उसे भी लेब में टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा है। वहीं हिन्दू नेताओं और पकड़े गए बदमाशों के सोशल अकाउंट भी पुलिस चैक करेगी।
यह भी पता किया जाएगा कि बदमाशों के मोबाइल पर पाकिस्तान से कितनी बार काल आई है और शिव सेना के नेताओं की रेकी किस दिन हुई है। बदमाशों ने और किन-किन नेताओं को टारगेट करना था इन सभी सवालों के जवाब पता करने में पुलिस जुटी है।
लवप्रीत सिंह साधु भागा आरोपी।
हैबोवाल औैर बूथगढ़ के युवकों पर रेकी का शक हैबोवाल में 16 अक्तूबर को योगेश बख्शी के घर पर पेट्रोल बम फेंका गया। उस वारदात में आरोपी अनिल उर्फ हनी, रविंद्र सिंह उर्फ रवि और जसविंदर सिंह उर्फ बिंदर ने अंजाम दिया। ऐसे में रवि और जसविंदर ने 2 नवंबर की घटना को अंजाम देने के लिए जसविंदर सिंह बिंदर की जगह इस बार लवप्रीत सिंह उर्फ बिंदर को चुना।
पुलिस को शक है कि अनिल और रविंदर लोकल है उन्होंने हिन्दू नेताओं के घरों की रेकी करी हो सकती है। बदमाशों ने पेट्रोल बम फेंकने की ट्रेनिंग कहा से ली इस बारे भी पुलिस पता करने में जुटी है। पता चला है कि आरोपी रविंदर और अनिल जेल में मिले थे। दोनों आरोपियों पर नवां शहर में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज है।
पुलिस द्वारा पकड़े गए चारों बदमाश।
वादा कर बबर खालसा ने नहीं दिए पैसे सूत्रों मुताबिक पता चला है कि बबर खालसा इंटरनेशनल गैंग के संचालक हरजीत सिंह उर्फ लाडी ने आरोपियों से वारदात करवा ली लेकिन अभी उन्हें पैसे नहीं दिए थे। सभी आरोपी दिल्ली भागने की फिराक में थे। आरोपियों को उनके सरगना से पैसे नहीं मिले थे जिस कारण उनके पास दिल्ली तक जाने का किराया नहीं था। कुछ लोगों से उन्होंने उधार पैसे भी मांगे। चारों आरोपी गरीब परिवारों से संबंध रखते है। जसविंदर अपनी मां के साथ एक ही कमरे में रहता था। उसके पिता की मौत हो चुकी है। वह खुद नशा करने का आदी है। शादी समारोह में उसे बाकी के आरोपी मिले थे।
आरोपियों के बैंक खाते हुए फ्रिज
पुलिस को शक है कि आरोपियों को इन वारदातों से पहले कुछ न कुछ आनलाइन जरूर पेमेंट आई होगी। इस कारण पुलिस ने चारों आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है। चारों आरोपियों के खाते पुलिस ने फ्रिज कर दिए है।