पंजाब में निगम चुनाव जल्द होने जा रहे है। लुधियाना में चुनाव नई वार्डबंदी 2023 या पुरानी 2017 वार्डबंदी पर होंगे इसका फैसला बीती दिन पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने रिजर्व रखा है। एक या दो दिन में अदालत इस मामले में फैसला आ सकता है। उधर, दूसरी तरफ जिला प्र
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वोटर सूची जारी करने के साथ-साथ उसमें संशोधन का काम भी तेजी से शुरू हो गया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा यही है कि 2023 की वार्डबंदी के मुताबिक ही चुनाव होने की संभावना अधिक है। लेकिन यदि फैसला 2017 की वोटर सूची मुताबिक आता है तो प्रशासनिक अधिकारियों का काम बढ़ जाएगा। उन्हें वोटर सूचियों को दोबारा से तैयार करना पड़ेगा। जिस कारण काफी समय लगेगा।
एडवोकेट हरीश राय ढांडा।
बोले-एडवोकेट हरीश राय ढांडा
मीडिया को जानकारी देते हुए एडवोकेट हरीश राय ढांडा ने कहा कि बुधवार को हाई कोर्ट में मेरी याचिका पर सुनवाई हुई। मैंने अपना पक्ष रखा कि नई वार्डबंदी फर्जी तरीके से की गई है। कोर्ट ने इस पर फैसले को रिजर्व रखा है। उम्मीद है 1 या 2 दिन में फैसला आ सकता है। जिससे साफ हो जाएगा कि चुनाव 2017 की वार्ड बंदी पर लड़े जाएंगे या 2023 की।
2017 में कांग्रेस ने नए सिरे से की थी वार्ड बंदी
बता दें साल 2017 में कांग्रेस सरकार ने नगर निगम लुधियाना की नए सिरे से वार्डबंदी का काम किया था। इसमें वार्ड संख्या 75 से बढ़ा कर 95 कर दी थी लेकिन निगम की हदबंदी में इजाफा नहीं हुआ था। निगम में उस समय कांग्रेस का मेयर बना था। 2022 में आप सरकार सत्ता में आई। जिसके बाद 2023 में सरकार ने वार्ड बंदी में बदलाव कर दिया। सरकार द्वारा नई वार्ड बंदी का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद कई लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
25 मार्च 2023 को खत्म हुआ था जनरल हाउस कार्यकाल निगम के जनरल हाउस का कार्यकाल 25 मार्च 2023 को समाप्त हो चुका है। हाई कोर्ट में निगम चुनाव नहीं करवाने की याचिका दायर की गई। जिस पर कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि पुरानी वार्डबंदी पर चुनाव करवाए जाए। लेकिन सरकार का कहना था कि 2023 का नोटीफिकेशन जारी हो चुका है इसलिए 2017 की वार्डबंदी को पुराना माना जा रहा है। 2023 के मुताबिक वोटर सूची आदि सभी काम पूरे हो चुके है।