लुधियाना के जगराओं में पुलिस गिरफ्त में गुरदास सिंह।
पंजाब के लुधियाना में थाने के मालखाने में तैनात मुंशी पुलिस शिकंजे में फंस गया है। आरोप है कि उसने मालखाने में रखी ड्रग मनी को अपनी जुआ खेलने की लत के चलते धीरे-धीरे गायब कर दिया और रकम जुए में हारता चला गया।
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मामले का पता चलने पर मुंशी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को अदालत में पेश कर सिधवां बेट पुलिस ने चार दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है। रिमांड दौरान अब थाने के पूरे रिकार्ड का मिलान किया जाएगा। पुलिस अब उन सभी केसों की लिस्टें बना रही है जिन केसों में मुंशी की शमूलियत है। उन सभी केसों का रिकार्ड चैक किया जा रहा है।
सूत्रों मुताबिक अब थाने के कई अन्य पुलिस कर्मी भी रडार पर है। सभी के केसों के रिकार्ड अब अधिकारी चैक करवा रहे है। मुंशी की जायदाद का ब्योरा भी अधिकारी अब इक्ट्ठा कर रहे है।
वहीं, पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है आरोपी किन किन लोगो के साथ जुआ खेलता था इस के अलावा आरोपी ने जुए के अलावा कुछ खरीदा तो नहीं।
पुलिस ने आरोपी का 14 दिन का रिमांड मांगा था। आरोपी पुलिस कर्मचारी पहले फौज में भर्ती था, 2011 में वह पुलिस में भर्ती हुआ है।

गुरदास सिंह।
2023 में पकड़ी गई थी नशा तस्करी केस से जुड़ी रकम
वर्ष 2023 में सीआईए स्टाफ पुलिस ने एक ऐसे नशा तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया था। यह गिरोह पुलिस वर्दी का दुरुपयोग करता था। ये आरोपी बॉर्डर पार करते समय पुलिस वर्दी पहनते और बाद में गाड़ी की नंबर प्लेट बदलकर नशे की खेप पहुंचाते थे। आरोपियों की पहचान अवतार सिंह उर्फ तारी, निवासी गांव ढूडीके (मोगा), हरजिंदर सिंह उर्फ रिंदी, निवासी रायपुर आरिया (जालंधर), हाल निवासी मुल्लांपुर, कमलप्रीत सिंह, निवासी रूपा पत्ती रोडे (वाघापुराना, मोगा) के रूप में हुई थी।
पुलिस ने आरोपियों से 54 क्विंटल चूरापोस्त, 4 पुलिस वर्दियां, 2 अवैध देसी पिस्तौल और कारतूस, 14 नंबर प्लेट तथा सवा करोड़ रुपए की ड्रग मनी बरामद की थी। यह पूरी बरामदगी थाना सिधवां बेट के मालखाने में सील कर रखी गई थी।
कोर्ट में रिकॉर्ड पेश न होने पर पुलिस अधिकारियों को हुआ शक
यह मामला कोर्ट में चल रहा है। अदालत में केस रिकॉर्ड पेश न होने की बात सामने आई। अधिकारियों ने पूरे मालखाने की जांच करवाई। तब पता चला कि रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की गई है। थाना सिधवा बेट के एसएचओ हीरा सिंह ने बताया कि शक होने पर थाने में तैनात मुंशी गुरदास सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
उसने पूछताछ में बताया कि वहीं इस रिकॉर्ड से हेराफेरी कर रहा था। यह भी बताया कि उसे जुए की लत है। वह जुए में काफी पैसा हार चुका है। ऐसे में उसने रिकॉर्ड से ही पैसे चोरी करने का प्लान बनाया।
सील पिघलाकर निकालता था पैसे, कई महीनों से कर रहा था
थाना सिधवा बेट के एसएचओ हीरा सिंह की माने तो जांच में खुलासा हुआ कि मुंशी गुरदास सिंह ने बेहद चालाकी से सील की गई रकम को मेल्ट (पिघलाकर) खोलना शुरू किया। पैसे निकालने के बाद वह सील को दोबारा उसी तरह बंद कर देता था, ताकि किसी को शक न हो। यह क्रम कई महीनों तक चलता रहा और मालखाने से रकम धीरे-धीरे गायब होती रही।
मालखाने की चेकिंग नियमित रूप से की जाती थी, लेकिन कुछ चीजें सफेद कपड़े में लिपटी और सील होती थीं, जिनके अंदर की चीजें बाहर से दिखाई नहीं देतीं। मुंशी ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
घोटाले के सामने आने के बाद एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता के आदेश पर एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी की अगुवाई एसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। कमेटी थाने के सभी केस रिकॉर्ड, जब्त नकदी, सामान और अमानतों की जांच करेगी और रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी जाएगी।
