Punjab Haryana High Court Order ; Delay Pension Widow Of Former Judicial Magistrate | राज्य सरकार-प्रशासन पर 25 हजार जुर्माना: पूर्व न्यायाधीश की विधवा को पेंशन न देने पर हाईकोर्ट नाराज; 60 दिन में देने होंगे बेनेफिट्स – Mohali News

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व सिविल जज गुरनाम सिंह सिवक की विधवा प्रीतम कौर को पेंशन और अन्य लाभ न देने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने इस देरी के लिए पंजाब सरकार और हाईकोर्ट के प्रशासन पर ₹25,000 का जुर्माना लगाया है, जिसे 60 दिनों के भीतर पी

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गुरनाम सिंह सिवक 1964 में एकाउंटेंट जनरल ऑफिस में क्लर्क बने थे। 1973 में उन्होंने न्यायिक सेवा की परीक्षा पास कर सिविल जज बने। उन्होंने 1996 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी, लेकिन एक विभागीय जांच के चलते इसे खारिज कर दिया गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया।

1999 में वह सेवानिवृत्त हुए, लेकिन 2001 में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। 2018 में हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जांच को रद्द कर दिया, और 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। बावजूद इसके, सरकार ने उन्हें पेंशन नहीं दी।

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट।

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट।

मृत्यु के बाद भी नहीं मिली पेंशन

गुरनाम सिंह सिवक 2021 में बीमारी के कारण चल बसे। उनकी पत्नी प्रीतम कौर ने 2022 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन प्रशासन ने 1,87,411 रुपए की वसूली का तर्क देकर पेंशन देने से इनकार कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि यह पैसा जबरन वसूली जैसा है क्योंकि विभागीय जांच खत्म होने के बाद कोई भी वसूली नहीं हो सकती। अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह विधवा को बकाया पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान ब्याज सहित करे।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी न्यायिक अधिकारी और उनके परिवार को सम्मानजनक जीवन का अधिकार है। पेंशन उनका हक था, जिसे इतने सालों तक रोका गया।

इस मामले में एडवोकेट बिक्रमजीत सिंह पटवालिया, अभिषेक मसीह और गौरव जगोटा ने प्रीतम कौर की तरफ से पैरवी की। पंजाब सरकार की ओर से सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल सलील सबलोक और हाईकोर्ट की ओर से एडवोकेट धीरज चावला ने पक्ष रखा।

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