Punjab Haryana High Court hearing stubble burning update | पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पराली को लेकर दाखिल याचिका: अगली सुनवाई पर मांगी दलीलें, पराली ईंधन अनिवार्यता पर याचिका के खिलाफ सवाल – Chandigarh News


पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया गया कि खेतों में पराली जलाने से अधिक प्रदूषण होता है या पराली आधारित ईंधन के इस्तेमाल से? हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर अगली सुनवाई में पक्षों से विस्तृत दलीलें पेश करने का आदेश दिया

.

पंजाब सरकार का अधिसूचना: ईंधन का 20% पराली आधारित अनिवार्य हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में बताया गया कि पंजाब सरकार ने अधिसूचना जारी कर ईंट-भट्ठों के लिए कुल ईंधन का 20 प्रतिशत पराली आधारित अनिवार्य कर दिया है। याचिकाकर्ता एसोसिएशन ने इसे चुनौती दी है, यह दावा करते हुए कि पराली आधारित ईंधन कोयले की तुलना में 5 गुना अधिक महंगा है और इसकी उपलब्धता केवल मौसमी होती है। एसोसिएशन का कहना है कि इस आदेश से ईंट-भट्ठा संचालकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और उनकी व्यापारिक गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे ईंट-भट्ठे एसोसिएशन के वकील ने कोर्ट में बताया कि वे केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अपने भट्ठों में कोयले का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पराली आधारित ईंधन के अनिवार्य उपयोग के आदेश से उनके सदस्य प्रभावित होंगे, क्योंकि इसका खर्च अत्यधिक है और यह व्यावहारिक नहीं है।

सरकार का पक्ष: प्रदूषण कम करने में मदद करेगा पंजाब सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश में किसान बड़े पैमाने पर खेतों में पराली जला रहे हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। सरकार का आदेश इसी प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जो भट्ठे इस आदेश का पालन नहीं कर रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

अगली सुनवाई में पेश होंगी दलीलें हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए सरकार और याचिकाकर्ता दोनों पक्षों से विस्तृत दलीलें पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने विशेष रूप से पूछा है कि खेतों में जलती पराली ज्यादा प्रदूषक है या पराली आधारित ईंधन का उपयोग? इस सवाल के साथ कोर्ट ने पराली ईंधन की यूनिट स्थापित करने के खर्च का भी ब्योरा मांगा है, ताकि इस मामले में बेहतर निर्णय लिया जा सके।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *