Punjab Government Colleges Controversy Update ; Up Gradation Autonomous College UGC | Amritsar Ludhiana | पंजाब के 8 सरकारी कॉलेजों का स्टेटस बदलने की तैयारी: ऑटोनोमस का देगी दर्जा; विपक्ष ने सरकार को घेरा, कहा- गरीब फीस कैसे देगा – Amritsar News

पंजाब सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की मदद से ऑटोनोमस कॉलेजों के रूप में अपग्रेड करने के लिए 8 सरकारी कॉलेजों की पहचान की है। गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स लुधियाना, एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज लुधियाना, सरकारी मोहिंदरा कॉलेज पटियाला, गवर्नमेंट कॉ

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पंजाब सरकार की तरफ से चयनित कॉलेजों में अमृतसर के सरूप रानी गवर्नमेंट कॉलेज का नाम भी है।

पंजाब सरकार की तरफ से चयनित कॉलेजों में अमृतसर के सरूप रानी गवर्नमेंट कॉलेज का नाम भी है।

इन कॉलेजों को अपने प्रस्ताव निदेशक, सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन कार्यालय को भेजने को कहा जा चुका है। फिर इन प्रस्तावों को “कॉलेजों को ऑटोनोमस दर्जा प्रदान करना और मानकों के रखरखाव के उपाय” विनियम, 2023 के तहत अंतिम विचार के लिए यूजीसी को भेजा जाएगा।

ऑटोनोमस का मतलब यह होगा कि ये कॉलेज संबद्ध विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना मौजूदा पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने और नए पाठ्यक्रमों को फिर से डिजाइन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। इन कॉलेजों को फीस संरचना तय करने की भी आजादी होगी।

कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह की तरफ से की गई पोस्ट।

कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह की तरफ से की गई पोस्ट।

विपक्ष ने सरकार को घेरा

इस निर्णय के बाहर आने के बाद अब विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। लुधियाना से सांसद और पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर इसका विरोध जताया है।

राजा वड़िंग ने पोस्ट शेयर कर लिखा है- शिक्षा मॉडल के नाम पर बनी आम आदमी पार्टी की सरकार अब इसके खिलाफ काम कर रही है। पहले से चल रहे सरकारी कॉलेजों के निजीकरण की दिशा में ये कदम हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों के लिए घातक साबित होंगे।

– गरीब छात्र इतनी मोटी फीस कैसे भरेंगे?

– क्या शिक्षा केवल पैसे वालों का ही अधिकार है?

लॉ एंड ऑर्डर पर भी सरकार को घेरा

राजा वड़िंग ने मानसून सत्र से लौटते ही सरकार को घेरना शुरू किया है। उन्होंने एक अन्य मामले में सरकार को लॉ एंड ऑर्डर पर घेरा है। अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा- पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति इस हद तक खराब हो चुकी है कि दुकानदार दूसरे राज्यों में काम करने को मजबूर हैं। बरिंदर गोयल की फैक्ट्री में तीसरी बार चोरी हो गई है, लेकिन प्रशासन सो रहा है। पहले तो चोर नहीं छोड़ते और अगर कोई चार पैसे कमा ले तो फिरौती पीछा नहीं छोड़ती। खास ‘आम आदमी’ सरकार में असली ‘आम आदमी’ सुरक्षित क्यों नहीं?

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