मृतक किसान अजीत सिंह का फाइल फोटो।
पंजाब में आई बाढ़ से जनजीवन लगातार प्रभावित हो रहा है। इस बीच अमृतसर जिले के गांव माछीवाल में 60 वर्षीय किसान अजीत सिंह पुत्र महिंदर सिंह की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई। इस घटना से पूरे इलाके में गम और आक्रोश का माहौल है।
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मृतक की पत्नी बलजीत कौर ने बताया कि उन्होंने कई बार बचाव दल को मदद के लिए बुलाया, लेकिन किसी ने भी समय पर कार्रवाई नहीं की। उनका आरोप है कि अगर बचाव दल समय रहते पहुंच जाता तो अजीत सिंह की जान बचाई जा सकती थी।

बाढ़ के पानी में डूबने से हुई किसान की मौत।
पड़ोसी बोले- प्रशासन ने किया गुमराह
इस घटना को लेकर गांव के पड़ोसी परिवारों ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि वे खुद अजीत सिंह को बचाने जा सकते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें यह कहकर गुमराह कर दिया कि अजीत सिंह को पहले ही सुरक्षित निकाल लिया गया है। इस कारण उन्होंने मदद करने का प्रयास नहीं किया और देर होने के कारण अजीत सिंह की जान चली गई।
घटना की पुष्टि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने भी की है। संगठन के राज्य नेता सरवन सिंह पंधेर मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि बाढ़ के हालात बेहद गंभीर हैं और यदि प्रशासनिक लापरवाही इसी तरह जारी रही तो आगे और मौतें हो सकती हैं।
पंधेर ने की एक करोड़ मुआवजा देने की मांग
पंधेर ने सरकार से मांग की कि मृतक किसान के परिवार को तुरंत राहत दी जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अजीत सिंह के परिवार को एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज करने की अपील भी की।
गांववासियों का कहना है कि यह घटना प्रशासन की विफलता को उजागर करती है। लोगों में आक्रोश है कि बार-बार मदद मांगने के बावजूद भी समय पर बचाव कार्य नहीं हुआ। अब ग्रामीणों को डर है कि यदि स्थिति पर तुरंत काबू नहीं पाया गया, तो इस तरह की और घटनाएं सामने आ सकती हैं।