पंजाब की जिन 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें होशियारपुर की चब्बेवाल सीट भी शामिल है। इस सीट पर मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच माना जा रहा है। AAP, कांग्रेस और भाजपा तीनों पार्टियों के उम्मीदवार दलबदलू हैं।
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यहां से आम आदमी पार्टी (AAP) ने सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे इशांक को टिकट दी है। कांग्रेस ने जिला बार एसोसिएशन के प्रधान रणजीत कुमार और BJP ने पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल को मैदान में उतारा है।
इशांक अभी राजनीतिक सफर की शुरुआत कर रहे हैं। वहीं रणजीत सिंह बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) से कांग्रेस और ठंडल अकाली दल से बीजेपी में आए हैं। अकाली दल भले ही चुनाव मैदान में न हो लेकिन हार-जीत में उनके वोट बैंक की भूमिका अहम होगी।
AAP, कांग्रेस और बीजेपी अकाली दल व बसपा के वोटरों को अपनी ओर करने में लगी हुई हैं। पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 2 बार और अकाली दल ने एक बार जीत हासिल की है। साल 2012 का विधानसभा चुनाव शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के उम्मीदवार रहे सोहन सिंह ठंडल ने जीता था।
जिसके बाद साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की टिकट पर डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने (अब AAP के होशियारपुर से सांसद) बीजेपी-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार रहे सोहन सिंह ठंडल को हराया था। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने दोबारा कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने AAP के हरमिंदर सिंह संधू को हराया था।
चब्बेवाल विधानसभा हलके में करीब 300 गांव हैं। जिनमें कुल 1 लाख 59 हजार 432 वोटर हैं। प्रशासन द्वारा 205 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 83,704 पुरुष और 75,724 महिला वोटर हैं। साथ ही 4 ट्रांसजेंडर भी हैं।
6 पॉइंट्स में समझें चब्बेवाल विधानसभा सीट के समीकरण….
- साल 2017 के बाद से चब्बेवाल सीट डॉ. राजकुमार के पास ही है। हालांकि 2022 में जब चब्बेवाल चुनाव जीते तो मार्जिन सिर्फ 7,646 वोटों का था। ये मार्जिन साल 2017 चुनाव के मुकाबले करीब 15 हजार वोट कम था।
- बताया जाता है कि जब भी किसी के घर में कोई प्रोग्राम होता है तो सांसद चब्बेवाल या उनके परिवार का कोई भी सदस्य उसमें पहुंचता है। इससे लोगों में उनकी छवि अच्छी है। इसका फायदा इशांक को मिल सकता है।
- इस सीट पर बीजेपी का हिंदू कार्ड भी चलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि BJP को देहात के एरिया में किसानों का विरोध झेलना पड़ रहा है। ऐसे में AAP और कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है।
- कांग्रेस उम्मीदवार रणजीत कुमार पेशे से वकील हैं और होशियारपुर बार एसोसिएशन के प्रधान भी हैं। रणजीत मूल रूप से होशियारपुर सिटी के रहने वाले हैं। उन्हें चब्बेवाल से टिकट दिया गया है। इससे कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी को फायदा मिल सकता है।
- चब्बेवाल में बस्सी रोड और फ्लाईओवर बन जाने से लोगों को काफी सहूलियत मिली है। लोगों की माने तो ये काम सांसद के जोर लगाने से ही पूरा हो पाया है। इसलिए इसका भी फायदा कहीं न कहीं इशांक को मिलता दिख रहा है।
- लोगों के मुताबिक चब्बेवाल में बीजेपी की स्थिति ठीक नहीं है। बीजेपी को सिर्फ उनके कट्टर वोट ही पड़ सकते हैं।
पिता के कामों का बेटे को फायदा मिल सकता है चब्बेवाल सीट से सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के बेटे डॉ. इशांक कुमार AAP के उम्मीदवार हैं। हलके के लोगों की माने तो सबसे पुख्ता उम्मीदवार इंशाक कुमार ही हैं। ऐसा आम आदमी पार्टी की वजह से नहीं, बल्कि राज कुमार चब्बेवाल की वजह से है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि हम सांसद चब्बेवाल के बेटे को वोट दे रहे हैं, ना कि आम आदमी पार्टी को।
इशांक की उम्र महज 31 साल है। उन्हें पिता के किए कामों का फायदा मिलेगा। राजकुमार पिछले 2 दशकों से हलके में एक्टिव हैं। हलके के हर घर तक पहुंच रखते हैं।
यह सीट इससे पहले राजकुमार के पास ही थी। उनके सांसद बनने पर इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। इशांक कुमार और उनके सांसद पिता अकाली दल के वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं। क्योंकि अकाली दल ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है।
रणजीत कुमार को तैयारी का कम समय मिला कांग्रेस प्रत्याशी रणजीत कुमार को जनता से संपर्क करने के लिए कम समय मिला। रैलियों में AAP सरकार के अधूरे वादों का जिक्र और बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए सरकार की आलोचना करते हैं। रणजीत कुमार को तैयारी के लिए काफी कम समय मिला है। बसपा के वोट बैंक पर नजर बनाए हुए हैं।
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के नाते उन्हें वकील समुदाय के एक वर्ग का समर्थन मिल रहा है। वहीं, AAP की ओर से टिकट की दावेदारी पेश कर चुके कुछ नेता भी कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं। क्योंकि इशांक के अलावा 2 अन्य नेताओं ने भी दावेदारी पेश की थी। मगर आप ने इशांक को टिकट दिया।
ठंडल को किसानों ने घेरा अकाली दल छोड़कर BJP में आए सोहन सिंह ठंडल पुराने खिलाड़ी हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि शिअद और बीजेपी की सरकार में ठंडल मंत्री पद पर थे। बीजेपी ने इस बार चब्बेवाल उपचुनाव में ठंडल पर भरोसा जताया है। दो दशक से अधिक समय तक शिअद में रहे।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने शिअद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें हार मिली। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। ठंडल को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। ठंडल शिअद के वोटरों को अपनी तरफ करने में लगे हुए हैं।
जानिए क्या कहते हैं वोटर…
AAP उम्मीदवार इशांक का ज्यादा रुझान चब्बेवाल के कपड़ा कारोबारी सुरिंदर कुमार ने कहा कि इस सीट पर होशियारपुर से सांसद डॉ. राजकुमार के बेटे इशांक ही जीतेंगे। वह AAP को नहीं बल्कि राजकुमार को वोट दे रहे हैं। चब्बेवाल ने उनके गांव और एरिया में जो पिछली सरकारों में फंसे काम थे, सभी करवाए। हमारे बाजार में AAP उम्मीदवार के अलावा कोई उम्मीदवार वोट मांगने तक नहीं पहुंचा। ऐसे में चब्बेवाल में इशांक का ही ज्यादा रुझान नजर आ रहा है।
कांग्रेस मुकाबले में है, लेकिन AAP को हराना बहुत मुश्किल चब्बेवाल में चिकन की दुकान चलाने वाले परमजीत सिंह ने बताया कि हमारे एरिया में सांसद डॉक्टर राजकुमार चब्बेवाल का सबसे ज्यादा जोर है। कांग्रेस मुकाबले में है, मगर हराना बहुत मुश्किल है। क्योंकि राजकुमार ने हमारे एरिया में काफी काम किए हैं। जैसे की सड़कें, पानी और फ्लाईओवर सहित अन्य काम करवाए।
वोटिंग की डेट आगे बढ़ने से कांग्रेस को फायदा मिल सकता है चब्बेवाल में स्पेयर पार्ट का कारोबार करने वाले अवतार सिंह ने बताया कि इस वक्त चब्बेवाल में दोनों पार्टियों (AAP और कांग्रेस) के 50-50 चांस हैं। चुनाव आयोग ने जो वोटिंग की डेट आगे बढ़ाई है इससे सीधा फायदा कहीं न कहीं कांग्रेस को मिला है। क्योंकि कांग्रेस अब लोगों तक पहुंच रही है। कांग्रेस के उम्मीदवार को तैयारी के लिए कम समय मिला है। ऐसे में मुकाबला टक्कर का हो सकता है। जालंधर सांसद चरणजीत सिंह चन्नी लोगों के घरों तक जा रहे हैं। साथ ही कांग्रेस की बड़ी लीडरशिप भी मैदान में है।
एक्सपर्ट बोले- कांग्रेस के रणजीत सिंह क्लोज फाइट में राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले सीनियर एडवोकेट शमशेर भारद्वाज ने कहा चब्बेवाल के रुझान इस वक्त सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के बेटे इशांक कुमार के पक्ष में हैं। मगर मैं समझता हूं कि कांग्रेस के उम्मीदवार रणजीत सिंह क्लोज फाइट में हैं। क्योंकि वह काफी पढ़े लिखें हैं। मगर लोगों का कुछ कह नहीं सकते। अभी तक का रुझान सांसद परिवार के साथ है।
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