PTI- Give a chance to be heard before final decision in recruitment | पीटीआई-भर्ती में अंतिम निर्णय से पहले सुनवाई का मौका दे: हाई कोर्ट ने बर्खास्तगी पर नहीं लगाई रोक, लेकिन सरकार से कहा-एकतरफा फैसला नहीं – Jaipur News


पीटीआई भर्ती 2022 मामले में कारण बताओ नोटिस पाने वाले अभ्यर्थियों को लेकर अंतिम फैसले से पहले उन्हें सुनवाई का मौका देने के निर्देश आज हाई कोर्ट ने दिए। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने यह आदेश हंसराज गुर्जर व अन्य की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया।

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अदालत ने सरकार से कहा कि वे अभ्यर्थियों को लेकर एकतरफा फैसला नहीं करे। अंतिम निर्णय से पहले उन्हें सुनवाई का मौका दे। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्होने फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी हासिल नहीं की हैं।

ई-मित्र संचालकों ने बीपीएड परीक्षा के रोल नंबर की जगह गलती से एनरोलमेंट नंबर भर दिया। कई आवेदन पत्रों में रोल नंबर का कॉलम खाली छोड़ दिया। ऐसे में मिसमैच की वजह से गलती हुई है। जिसे उन्होने दस्तावेज सत्यापन के समय सुधार भी लिया था। लेकिन उन्हें सेवा बर्खास्तगी के नोटिस भेजे गए हैं।

मनमाने ढ़ंग से नहीं हटा सकते याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कहा कि आज के आदेश से साफ है कि सरकार याचिकाकर्ताओं को मनमाने ढ़ंग से नहीं हटा सकती है। हमने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के कई आदेश कोर्ट के सामने रखे थे। जिसमें हमने कहा था कि नियमित रूप से नियुक्ति पा चुके कर्मचारी को एकतरफा कार्रवाई से नहीं हटाया जा सकता हैं।

इस मामले में सरकार कारण बताओं नोटिस जारी करने के बाद बिना व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिए, बर्खास्तगी के आदेश निकाल रही थी। लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद हमे सुनवाई का मौका मिलेगा।

बर्खास्तगी पर रोक नहीं हाई कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता बसंत सिंह छाबा ने कहा कि आज के आदेश में कहीं भी कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश पर रोक नहीं लगाई है। कोर्ट ने अंतिम निर्णय लेने का फैसला सरकार पर छोड़ा हैं।

उन्होंने कहा- जो याचिकाकर्ता यह कह रहे हैं कि ई-मित्र की गलती की वजह से गलत यूनिवर्सिटी के सर्टिफिकेट अपलोड हो गए अथवा रोल नंबर की जगह गलती से एनरोलमेंट नंबर भर दिए गए। उन सभी का रिकॉर्ड हमारे पास है। इन सभी ने खुद पीटीआई भर्ती का फॉर्म भरा था।

243 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और डॉक्युमेंट से नौकरी हासिल की थी सरकार का कहना है कि साल 2022 में 5546 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इसमें 12वीं तक की पढ़ाई, शारीरिक शिक्षा में प्रमाण पत्र या डिप्लोमा की जरूरत थी। पीटीआई भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की डिग्री और अन्य डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन किया गया। इसमें कई दस्तावेज फर्जी या मिस मैच पाए गए।

चयनित 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेज में विसंगतियां पाई गईं। जांच में यह भी पता चला कि कई ऐसे लोगों ने भी नौकरी हासिल कर ली थी, जिन्होंने केवल 8वीं तक की पढ़ाई की थी। 243 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और दस्तावेजों के जरिए नियुक्ति हासिल की थी। इनकी लिस्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई थी। इसके बाद अब शिक्षा विभाग ने 134 के पीटीआई को बर्खास्त कर दिया था। शेष को कारण बताओं नोटिस जारी किए थे।

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