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इन-स्पेस, एएसआई और इसरो द्वारा आयोजित रॉकेट्री व सैटेलाइट प्रतियोगिता में पीएसआईटी के स्टूडेंट्स ने दूसरा स्थान पाया है। राष्ट्रीय मॉडल रॉकेट्री और मॉडल सैटेलाइट (कैनसैट) प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में नारायणी नदी के कि
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त्रिशूल ने पूरा किया मिशन
राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पीएसआईटी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन किया। मॉडल रॉकेट्री श्रेणी में पीएसआईटी की टीम ‘सुदर्शन’ ने अपने ‘त्रिशूल’ नामक रॉकेट के माध्यम से भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया। पीएसआईटी द्वारा निर्मित ‘त्रिशूल’ रॉकेट ने गुरुवार सुबह 7 बजे नारायणी लॉन्च पैड से सफल उड़ान भरी और अपने मिशन को पूरी तरह सफलता पूर्वक पूरा किया। रॉकेट ने एक किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचकर पैराशूट के माध्यम से सुरक्षित लैंडिंग की। रॉकेट में लगे कंट्रोल्ड ब्लास्ट मैकेनिज्म ने पैराशूट समय पर खोलने में मदद की, जिससे यह नारायणी नदी के किनारे सुरक्षित रूप से लैंड हुआ। समानांतर रूप से आयोजित कैनसैट प्रतियोगिता में पीएसआईटी की टीम व्योमनॉट्स ने अपने मॉडल सैटेलाइट के लिए बेस्ट डिजाइन अवॉर्ड प्राप्त किया।
देशभर से 71 टीमों ने लिया भाग
इस आयोजन में देशभर के लगभग 600 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जो 71 टीमों में विभाजित थे। इनमें से 36 टीमें कैनसैट प्रतियोगिता में और 35 टीमें मॉडल रॉकेट्री प्रतियोगिता में शामिल हुईं। प्रतिभागियों को अपने स्वयं के रॉकेट और मिनी सैटेलाइट मॉडल तैयार कर उन्हें एक से डेढ़ किलोमीटर की ऊंचाई तक प्रक्षेपित करना था तथा पैराशूट की सहायता से सुरक्षित रूप से लैंड कराना था।टीम सुदर्शन में स्पर्श वर्मा, लवित्र साहू, गौरव शाही, रिया वर्मा, देव जैशवाल, ऋतिश कटियार, मोहम्मद फैज़ और अनमोल दीप शामिल थे, जबकि टीम व्योमनॉट्स में ऋतिश कटियार, स्पर्श वर्मा, लवित्र साहू, आर्या मिश्रा, शिखा, अंशुमान पाठक, प्रियंशु और राहुल ने योगदान दिया। दोनों टीमों का मार्गदर्शन प्रोफेसर राघवेन्द्र सिंह, प्रोफेसर मनीष कुमार और संदीप कुमार खरे द्वारा किया गया।
अंतरिक्ष तकनीक में बढ़ता कदम
पीएसआईटी के चेयरमैन प्रणवीर सिंह ने कहा कि हमारे छात्रों ने अपनी मेहनत, तकनीकी समझ और लगन के बल पर राष्ट्रीय स्तर पर पीएसआईटी का नाम रोशन किया है। समूह निदेशक डॉ. मनमोहन शुक्ला ने कहा कि पीएसआईटी का अंतरिक्ष तकनीक में यह बढ़ता कदम बेहद खास है।
