धनबाद रेल मंडल कार्यालय के मुख्य द्वार पर ऑल इंडिया गार्डस काउंसिल के केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर लाइन बॉक्स के बदले ट्रॉली बैग दिए जाने की फरमान या बॉक्स पोर्टर के कार्य को जबरदस्ती गाड़ी प्रबंधकों पर लादने के आदेश के खिलाफ आज पूरे देश के गाड़ी प्रब
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धनबाद मण्डल गाड़ी प्रबंधक केंद्रीय सहायक महासचिव ए के ठाकुर ने बताया की परिचालन को प्रभावित किए बिना महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। पूरे मंडल के गाड़ी प्रबंधक इसे न सिर्फ अपने मान सम्मान की लड़ाई मान बैठे हैं अपितु यह उनके जीवन और मरण का भी सवाल है। रनिंग कर्मचारी ऐसे ही विपरीत परिस्थितियों और विपरीत मौसम में कार्य करते हैं। उनकी सामान्य दिनचर्या ऐसे ही अन्य कर्मचारियों से बिल्कुल अलग होता है। अपने ड्यूटी के लिए जब घर से निकलते हैं तो उन्हें 72 घंटा तक बाहर रहना पड़ता है। ऐसे में उनकी पर्सनल बिलॉन्गिंग्स ही इतना ज्यादा होता है कि उसे ही ढोने में बढ़ती उम्र के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसमें भी मालगाड़ी में कार्य करने वाले गाड़ी प्रबंधक 10-12-15 घंटा तक अपनी ड्यूटी लोहे की बनी तख्ती रूपी कुर्सी पर बिना पानी के अरेंजमेंट के करते है। इस प्रकार मालगाड़ी के गाड़ी प्रबंधक को खाने पीने और शौच के लिए अतिरिक्त 5 लीटर पानी लेकर चलना पड़ता है। खुरदरी रास्ता या बिना रास्ते के कंक्रीट और गिट्टी पर चलकर एवम् लंबी माल गाड़ी में कार्य करने के लिए यह बोझ उठाना असंभव सा प्रतीत है होता है।
ठाकुर ने आगे कहा की हम इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से रेलवे प्रशासन को यह बता देना चाहते हैं कि हम रेलवे के आधुनिकरण के खिलाफ नहीं है। लाइन बॉक्स में गाड़ी प्रबंधक के व्यक्तिगत सामान नहीं होते है। यह सुरक्षित एवं संरक्षित परिचालन को परिचालित करने के लिए गाड़ी प्रबंधकों को उसके कार्य स्थल पर उपलब्ध कराए गए आवश्यक उपकरण की पेटी है। हम रेलवे प्रशासन से पहले भी मांग कर चुके हैं और इस धरना के माध्यम से भी मांग कर रहे हैं की आप हमारे उपकरण को हमारे एसएलआर/ ब्रेकयान में इनबिल्ट बॉक्स में उपलब्ध करा दीजिए। गुड्स ब्रेकवान में पानी और बिजली की व्यवस्था कर दीजिए, बैठने के लिए अच्छी कुर्सी तथा पेपर वर्क करने के लिए एक टेबल का व्यवस्था कर दीजिए। हमें लाइन बॉक्स के बदले किसी ट्रॉली बैग की आवश्यकता ही नहीं है। उसमें जो आप खर्च करना चाहते हैं उसे भी बचा लीजिए। यह धरना शुरुआत मात्र है, हम रेलवे के कर्मचारी होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के नागरिक भी हैं।
हम स्नातक योग्यता के साथ गाड़ी के इंचार्ज के रूप में कार्य करते हैं। हमें कुली बनना मंजूर नहीं है। रेलवे प्रशासन यह जान ले की गाड़ी प्रबंधक अपनी मान सम्मान की रक्षा के लिए ऑल इण्डिया गार्ड काउंसिल के नेतृत्व में अपने परिवार के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाने से पीछे नहीं हटेगा। इस धरना प्रदर्शन में सैकड़ो लोगों ने भाग लिया।