दिल्ली कृषि मंत्रालय में तैनात 34 साल के हरप्रीत सिंह का मर्डर योजनाबद्ध तरीके से किया गया। इसके लिए उसके ससुर एंव पंजाब पुलिस से रिटायर एआईजी मालविंदर सिंह ने बैक गेट से लेकर मीडिएशन सेंटर के कमरों व कॉरिडोर की गहनता से जांच की कि कहां कहां पर सीसीट
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अब तक की पुलिस जांच में आया है कि आरोपी ने जिस लाइसेंस प्वाइंट 32 बोर की पिस्टल का यूज हरप्रीत को गोलियां मारने के लिए किया उसका लाइसेंस पंजाब से बना हुआ है लेकिन इस समय एक्सपायर है। पुलिस यह जांच कर रही है कि लाइसेंस कब व पंजाब के किस जिले से बना और एक्सपायर कब हुआ।
पुलिस लाइसेंस की बरामदगी करने के लिए रविवार शाम को आरोपी के सेक्टर-35 स्थित कोठी में सर्च के लिए गई लेकिन वहां गेट पर ताले लटके मिले। जिस कारण पुलिस टीम बैरंग लौट आई। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी की पत्नी व अन्य घरवाले अंडरग्राउंड हो गए हैं। आरोपी का दो दिन का पुलिस रिमांड मिला है।
क्राइम सीन से मिले खोल व जिंदा कारतूस कब्जे में लिए हरप्रीत को जान से मारने के लिए मालविंदर ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सीन ऑफ क्राइम से फोरेंसिक की टीम को कुल 7 गोलियां मिली हैं। जिसमें से तीन जिंदा कारतूस मिले हैं। फोरेंसिक सूत्रों के अनुसार पिस्टल चलाते समय जब गोली नहीं चलती या फंस जाती है तो उसको अगले फायर करने के लिए लॉक किया जाता है।
ऐसे में जो कारतूस नहीं चला वह वहीं जमीन पर गिर जाता है। इसके अतिरिक्त दो गोलियां जो चली वह एक कांच को पार करते हुए मीडिएशन सेंटर में बने स्टोर के अंदर से मिली व दूसरी दरवाजे के पास दीवार में लगी हुई थी। पुलिस ने क्राइम सीन से मिले खोल व जिंदा कारतूस कब्जे में ले लिए हैं और दो गोलियां हरप्रीत को लगीं। वह भी कब्जे में ले ली हैं। बरामद पिस्टल व खोल-जिंदा कारतूस सब को मिलान के लिए सेक्टर-36 सीएफएसएल भेजने की तैयारी है।
पीजीआई में रविवार को डॉक्टरों के बोर्ड से शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। शव से दो गोलियां बरामद की गईं। बताया गया कि छाती में लगी गोली लंग्स को चीरते हुए हार्ट की ऑर्टरी को फाड़ अंदर घुसी और इंटरनल एक्सेस ब्लडिंग होने से मौत हो गई। वहीं दूसरी गोली बैक साइड कमर के हिस्से से मिली है। पुलिस ने हरप्रीत के खून से सने कपड़े और क्राइम सीन से जो खून के छींटों के सैंपल इकट्ठा हुए उनको मिलान के लिए भी फोरेंसिक लैब भेज रहे हैं।