31 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में दिवाली पर हुई जमकर आतिशबाजी के बाद कई शहरों में प्रदूषण जान लेवा स्तर तक बढ़ गया था। जबलपुर की संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने उज्जैन इंदौर भोपाल जबलपुर और ग्वालियर में A
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डॉ पीजी नाजपांडे ने बताया कि ग्रीन ट्रिब्यूनल में अमानक स्तर के पटाखे के खिलाफ 2023 में याचिका दायर की थी, जिसके बाद NGT कोर्ट ने भोपाल इंदौर जबलपुर उज्जैन ग्वालियर के कलेक्टर को मॉनिटर करने के निर्देश दिए थे। जब आकंड़े निकले तो 2024 में दिवाली पर पटाखों के कारण प्रदूषण जान लेवा स्तर का रहा। जिसमें सुतली बम, सहित कई प्रतिबंधित बम फोड़ने के कारण प्रदूषण बढ़ गया था। कोर्ट के आदेश में साफ़ है की रात 10 बजे तक फटाखे फोड़े जाये इसके बाद भी रात 2 बजे तक आतिशबाजी करते रहे लोग। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। फर्जी ग्रीन पटाखे फोड़े गए , जबकि ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश कर दिवाली पहले इन्हे जांच कर रोकने के निर्देश दिए। इसके बाद भी रोक नहीं लगी और पटाखे बिकते रहे। हमने मंगलवार को याचिका लगाई थी सम्भवतः अगले हफ्ते इसकी सुनवाई होगी। ·
डॉ पीजी नाजपांडे द्वारा 31 अक्टूबर और 1 नवम्बर को हुए प्रदूषण के उपलब्ध कराए गए आकंड़े –
शहर | 2022 | 2023 | 2024 |
जबलपुर | 241 | 159 | 339 |
इंदौर | 204 | 381 | 412 |
ग्वालियर | 203 | 358 | 407 |
भोपाल | 232 | 267 | 302 |
उज्जैन | 214 | 293 | 327 |
फर्जी ग्रीन पटाखे फोड़े –
दिवाली रात तथा दूसरे दिन पटाखों के प्रदूषण से श्वास लेना तक मुश्किल हो गया था, देर रात पटाखे फोड़े गये फर्जी ग्रीन पटाखे फोड़े गये, सुतली बॉम्ब, लड़ी बॉम्ब तथा अन्य जिन्हें प्रतिबंधित किया गया था, वह पटाखे फोड़े गये। सुप्रीम कोर्ट तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल द्वारा जारी किये गये आदेशों का उल्लंघन समुचे मध्यप्रदेश विशेषतः भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर तथा ग्वालियर में हुआ है।