पुलिस ने मुख्य आरोपी के 4 रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया है।
रतलाम के 7 सराफा व्यापारियों का करीब 3 करोड़ रुपए का सोना लेकर भागे ज्वेलर जीवन सोनी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार सुबह हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस एक्शन में आ गई। आरोपी के दो चचेरे भाई, साला व एक अन्य रिश्तेदार को गिरफ्तार कर लिया है। चारों पर आ
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गिरफ्तार लोगों में जीवन सोनी के चचेरे भाई सुरेंद्र पिता बाबूलाल सोनी, पंकज पिता बाबूलाल सोनी, एक अन्य रिश्तेदार कृष्ण कांत पिता चेतन कुमार सोनी तीनों निवासी माकड़ौन जिला उज्जैन व जीवन सोनी के साले आशीष सोनी निवासी तालतलाई जिला शाजापुर शामिल हैं।

पुलिस की धीमी कार्रवाई से नाराज सराफा एसोसिएशन के सदस्य रैली निकाल कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।
गिरफ्तार रिश्तेदारों को भी नहीं मालूम, जीवन कहां भागा पुलिस के अनुसार जिस दिन जीवन सोनी भागा था उस दिन उसने अपने चचेरे भाई पंकज सोनी को कार लेकर बुलाया था। फोरलेन पर चौपालसागर के पास जीवन की स्कूटी मिली थी। उसी के आगे एक पेट्रोल पंप पर चचेरे भाई को बुलाया था। जीवन सोनी कार में सवार होकर अपने गांव माकड़ौन जिला उज्जैन गया। जहां उक्त चारों ने उसका सहयोग करते हुए एक गोदाम में छिपाया। ताकि पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल सके।
अगले दिन सुबह चचेरे भाई ने जीवन सोनी को उज्जैन जिले के मनासा में एक मंदिर के पास उतार दिया। यह बात गिरफ्तार परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताई है। इसके बाद इन्हें नहीं मालूम कि वह कहां गया। थाना माणक चौक ने उक्त चारों के खिलाफ आरोपी का भगाने में सहयोग करने पर बीएनएस की धारा 112 में केस दर्ज किया है।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि परिवार के सदस्यों ने भागने में सहयोग किया है। चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। जीवन सोनी की तलाश में टीम लगी है।

रतलाम के सराफा व्यपारियों ने जीवन सोनी को पकड़ने के लिए 1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।
एक माह 11 दिन में मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ पाई पुलिस पुलिस ने रिश्तेदारों को तो गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया लेकिन असल कहानी अब भी अनसुलझी है। आरोपी जीवन सोनी को भागे हुए एक माह 11 दिन हो गए हैं। इतने दिनों में आखिर में पुलिस ने क्या कार्रवाई की, यह सवाल खड़े हो रहे हैं।