हिमाचल हाईकोर्ट ने दो नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार चार आरोपियों को जमानत दे दी है। जस्टिस राकेश कैंथला ने कहा, सिर्फ इस आधार पर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि पीड़ितों को आघात पहुंचेगा।
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हाईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत देते हुए कहा, अगर दोषी पाए गए तो उन्हें उनके किए अपराध के लिए जरूर सजा मिलेगी, लेकिन जमानत देने से इनकार करना उन्हें सजा देने जैसा होगा। कोर्ट ने आरोपियों को सशर्त जमानत दी है। जिन आरोपियों को जमानत दी गई है उन पर 13 और 14 साल की 2 नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ के आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने 11 मार्च 2025 को 2 नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ की। लड़कियां जब घर लौट रही थी तब उनके साथ यह छेड़छाड़ की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को 4 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जमानत के आधार
कोर्ट ने आरोपियों को जमानत देते समय कई आधारों पर विचार किया और कहा कि आरोपियों ने चार महीने से अधिक समय जेल में बिताया है। इनके खिलाफ कोई अन्य मामला दर्ज नहीं है। आरोपियों के भागने की संभावना नहीं है, क्योंकि वे स्थायी निवासी हैं।
कोर्ट ने सशर्त जमानत दी
कोर्ट ने आरोपियों को सशर्त जमानत दी है। कहा ने कहा, आरोपी गवाहों को धमकाने या सबूतों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। हर सुनवाई में उन्हें उपस्थित रहना होगा। आरोपियों को अपने पते में बदलाव की सूचना पुलिस और कोर्ट को देनी होगी। आरोपियों को अपने पासपोर्ट कोर्ट में जमा कराने होगे।