कुवैत सिटी4 घंटे पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर कुवैत पहुंचे। 4 दशक बाद ये किसी भारतीय पीएम का पहला कुवैत दौरा है। पीएम मोदी से पहले 1981 में प्रधानमंत्री रहते इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। मोदी का एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट वेलकम हुआ।
PM मोदी ने कुवैत दौरे के पहले दिन एक लेबर कैंप का दौरा किया। उन्होंने भारतीय मजदूरों से बातचीत की, उनका हालचाल पूछा और साथ में मिलकर नाश्ता भी किया। इससे पहले पीएम ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया था।
प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 43 साल के बाद भारत का कोई PM कुवैत आया है। आपको भारत से आना है तो 4 घंटे लगते हैं, प्रधानमंत्री को 4 दशक लग गए। मोदी ने कहा कि कुवैत में लोगों को हर त्योहार मनाने की सुविधा है। लेकिन मैं आपको सेलिब्रेट करने आया हूं।
कुवैत में भारतीय कामकारों के साथ पीएम मोदी ने किया नाश्ता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुवैत में स्वागत के मौके पर कथकली डांस परफॉर्म करते कलाकार।
PM मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें…
1. कुवैत में भारतीयों ने भारतीयता का तड़का लगाया
मोदी ने कहा कि आपमें से कितने ही लोग पीढ़ियों से कुवैत में रह रहे हैं। बहुत सारे लोगों का जन्म ही यही हुआ है। हर साल यहां रहने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है।
आपने कुवैत के कैनवास पर भारतीय हुनर का रंग भरा है, यहां भारत के टैलेंट, टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशन का मसाला मिक्स किया है। मैं यहां सिर्फ आपसे मिलने नहीं आया हूं बल्कि आप सभी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने के लिए यहां आया हूं।
2. कुवैत की लीडरशिप भी भारतीयों की मेहनत की कायल
पीएम ने कहा कि मैंने यहां काम करने वाले भारतीय मजदूरों और कर्मचारियों से मुलाकात की। ये साथी यहां कंस्ट्रक्शन से जुड़े हैं। इसके अलावा बाकी लोग भी दूसरे सेक्टर में पसीना बहा रहे हैं। भारतीय समुदाय के डॉक्टर्स, नर्सें कुवैत के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत बड़ी शक्ति हैं।
भारतीय शिक्षक कुवैत की अगली पीढ़ी को मजबूत बनाने में सहयोग कर रहे हैं, इंजीनियर्स कुवैत के नेक्स्ट जेनेरेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं। जब भी मैं कुवैत की लीडरशिप से बात करता हूं तो वे आपकी खूब तारीफ करते हैं। कुवैत के नागरिक भी भारतीयों की मेहनत, ईमानदारी, स्किल की वजह से सम्मान करते हैं।
3. भारत और कुवैत को वर्तमान ही नहीं, अतीत ने भी जोड़ा
मोदी ने कहा कि आज भारत रेमिटेंस के मामले में सबसे आगे है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय आप सभी मेहनतकश साथियों को जाता है। देशवासी भी आपके इस योगदान का सम्मान करते हैं। भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का, व्यापार-कारोबार का है। भारत-कुवैत अरब सागर के दो किनारे पर बसे हैं। हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ने ही नहीं दिलों ने भी आपस में जोड़ा है। हमें वर्तमान ही नहीं, अतीत ने भी आपस में जोड़ा है।
4. हमारे बीच व्यापार 19वीं शताब्दी से जारी
पीएम ने कहा कि एक वक्त था जब कुवैत से मोती, अच्छी नस्ल के घोड़े भारत जाते थे। वहीं भारत से मसाले, कपड़े, लकड़ी कुवैत आती थीं। कुवैत का मोती, भारत के लिए किसी हीरे से कम नहीं हैं। आज भारत की ज्वैलरी की पूरी दुनिया में धूम है तो इसमें कुवैत को मोतियों का योगदान है।
गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं कि किस तरह कुवैत से भारत व्यापारी आया करते थे। 19वीं शताब्दी में ही यहां से व्यापारी सूरत जाने लगे थे। तब सूरत कुवैत के मोतियों के लिए इंटरनेशनल मार्केट हुआ करता था। कुवैती व्यापारियों ने गुजराती भाषा में अनेक किताबें भी पब्लिश की हैं। गुजरात के बाद कुवैत के व्यापारियों ने मुबंई और बाकी जगहों पर पहचान बनाई।
5. कल्चर और कॉमर्स से बना रिश्ता नई बुलंदी पर जा रहा
पीएम मोदी ने कहा कि कुवैत के बहुत सारे व्यापारियों ने आयात-निर्यात के लिए भारत के कई जगहों पर ऑफिस खोले हैं। 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपए वैसे ही चलते थे जैसे भारत में चलते हैं। यानी यहां किसी दुकान से खरीदने पर भारतीय रुपए भी स्वीकार किए जाते थे। तब भारतीय करेंसी जैसे कि रुपया, पैसा, आना को कुवैती लोग जानते थे।
जिस देश से जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं, जिससे हमारा वर्तमान जुड़ा है, वहां आना मेरे बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों का यहां की सरकार का आभारी हूं। कुवैत के अमीर का उनके आमंत्रण के लिए धन्यवाद देता हूं।अतीत में कल्चर और कॉमर्स ने जो रिश्ता बनाया था वो आज नई सदी में नई बुलंदी की तरफ आगे बढ़ रहा है।
6. न्यू कुवैत बनाने की तकनीक और मैन-पावर भारत के पास
पीएम मोदी ने कहा कि हर सुख में साथ रहने की परंपरा हमारी आपसी रिश्ते, आपसी भरोसे की बुनियाद है। हमारे मकसद बहुत अलग नहीं हैं। जैसे कुवैत के लोग न्यू कुवैत बनाने में लगे हैं वैसे भी भारत के लोग भारत 2047 बनाने में लगे हैं। भारत आज इनोवेशन पर बल दे रहा है। इकोनॉमी को मजबूत करने में लगा है।
भारत का स्किल्ड यूथ कुवैत को नई ताकत दे सकता है। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। ऐसे में भारत दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है। इसके लिए भारत अपने युवाओं का स्किल डेवलपमेंट कर रहा है। भारत इसके लिए दो दर्जन देशों के साथ समझौते किए।
7. भारतीय कहीं भी हों, देश की कामयाबी में खुश होते हैं
मोदी ने कहा कि आप सभी भारत से आए यहां रहे लेकिन भारतीयता को अपने दिल में संजो कर रखा है। कौन भारतीय होगा जिसे मंगलयान की सफलता पर गर्व नहीं होगा, जिसे चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग की खुशी नहीं हुई होगी… आज का भारत, एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है।
भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। आज दुनिया का नंबर फिनटेक इकोसिस्टम भारत में है, तीसरा स्टार्टअप इकोसिट्म भारत में है। दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है। बीते 10 साल में भारत ने जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है। उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा की दूरी से भी 8 गुना ज्यादा है।
8. भारत जल्द दुनिया के विकास का हब होगा
पीएम ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे डिजिटल कनेक्टेड देशों में से एक है। छोटे-छोटे शहरों से लेकर गांवों तक हर भारतीय डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। भारत में अब ये लग्जरी नहीं बल्कि आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हो चुका है। लोग चाय पीने, राशन मंगाने, फल खरीदने के लिए डिजिटल तरीके का इस्तेमाल करते हैं। बहुत कम समय में डिलीवरी होती है और पेमेंट भी हो जाता है।
डॉक्यूमेंट के लिए डिजी लॉकर, एयरपोर्ट के लिए डिजी यात्रा, यात्रा में समय बचाने के लिए फास्टैग है। भारत लगातार डिजिटली स्मार्ट हो रहा है। ये तो अभी शुरुआत है। भारत ऐसे इनोवेशन की तरफ बढ़ने वाला है जो दुनिया को दिशा दिखाएगा। दुनिया के विकास का हब होगा। भारत दुनिया का ग्रीन एनर्जी हब होगा, फार्मा हब होगा, इलेक्ट्रॉनिक हब होगा। दुनिया के बड़े-बड़े इकोनॉमी सेंटर भारत में होंगे।
9. भारत दुनिया को हेल्दी लाइफस्टाइल सिखा रहा
पीएम ने कहा कि हम पूरे दुनिया को एक परिवार मानते हैं। भारत एक विश्वबंधु के रूप में दुनिया के भले की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। दुनिया भी भारत की इस भावना को मान दे रही है। आज दुनिया अपना पहला वर्ल्ड मेडिटेशन डे मना रही है। ये भारत की हजारों सालों की परंपरा को ही समर्पित है।
2015 से दुनिया 21 जून को योग दिवस मना रही है। ये भी भारत की योग परंपरा को समर्पित है। आज भारत का योग दुनिया के हर रीजन को जोड़ रहा है। आज भारत की पारंपरिक मेडिसिन आयुर्वेद ग्लोबल वेलनेस को समृद्ध कर रहे हैं। सुपरफुड मिलेट्स हेल्दी लाइफ स्टाइल का आधार बन रहे हैं।
नालंदा से लेकर आईआईटी तक का नॉलेज सिस्टम ग्लोबल सिस्टम का आधार बन रहा है। पिछले साल जी20 समिट के दौरान भारत मिडिल ईस्ट कॉरिडोर की घोषणा हुई थी। ये दुनिया को नई दिशा देने वाला है।
10. महाकुंभ में शामिल होने आएं, दोस्तों को भी लाएं
पीएम ने प्रवासी भारतीयों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि नए साल का पहला महीना इस बार अनेक राष्ट्रीय उत्सवों का महीना होने वाला है। इसी साल आज से 10 जनवरी तक भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन होगा। इसमें दुनिया भर से लोग आएंगे। इसके लिए आप सभी को आमंत्रित करता हूं।
प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। आप इसमें शामिल होने भारत आएं और अपने कुवैती दोस्तों को भी लाएं।
कुवैत दौरे से जुड़ी PM मोदी की 5 फुटेज…
स्पिक लेबर कैंप में भारतीय मजदूरों से मुलाकात करते PM मोदी।
अरबी भाषा में अनुवाद किए रामायण और महाभारत पीएम मोदी को भेंट की गई।
पीएम मोदी ने 101 साल के पूर्व आईएफएस अधिकारी मंगल सेन हांडा से मुलाकात की। मोदी ने उनसे हाथ मिलाया और उनका हालचाल पूछा।
कुवैत में कथकली डांस कार्यक्रम में पीएम मोदी शामिल हुए।
कुवैत में हाथ में तिरंगा लेकर PM मोदी का स्वागत करते हुए भारतीय समुदाय के लोग।
कल अमीर के महल में गार्ड ऑफ ऑनर से होगा मोदी का स्वागत पीएम मोदी को कल कुवैत के बायन पैलेस में गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद वे कुवैत के अमीर शेख और क्राउन प्रिंस के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे। द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के बीच लोकल करेंसी में कारोबार पर भी चर्चा हो सकती है।
कुवैत के इसी बयान पैलेस में पीएम मोदी का गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत पहुंचने के बाद X पर पोस्ट किया…
पीएम के दौरे पर कांग्रेस का तंज- मणिपुर भी जाओ
कांग्रेस पार्टी ने पीएम के कुवैत दौरे पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लगातार दौरे करने वाले प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर के बजाय कुवैत जा रहे हैं। मणिपुर में बीते एक साल से हिंसा का दौर जारी है। जयराम रमेश ने आगे कहा-
मणिपुर दौरे के लिए प्रधानमंत्री मोदी कोई तारीख तय नहीं कर पा रहे हैं। वहां के लोग पीएम का इंतजार कर रहे हैं लेकिन वह कुवैत जा रहे हैं।
दरअसल, मणिपुर हिंसा के बाद से प्रधानमंत्री जब भी विदेश दौरे पर जाते हैं तो कांग्रेस उन्हें मणिपुर जाने के लिए याद दिलाते हैं। हाल ही में, जब नवंबर में प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों ब्राजील, नाइजीरिया और गुयाना की यात्रा पर थे तब भी कांग्रेस पीएम मोदी से मणिपुर जाने को लेकर सवाल किया था।
कुवैत के जरिए गल्फ देशों को साधने की तैयारी
विदेश मंत्रालय ने पीएम के कुवैत दौरे को गल्फ देशों से संबंध अच्छे करने में अहम कदम बताया है। मंत्रालय ने कहा-
भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से गहरे संबंध हैं, जिनकी जड़ें इतिहास में हैं। यह लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं। भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। इससे भारत-कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की अध्यक्षता कुवैत कर रहा है। इसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान और कतर भी शामिल हैं। कुवैत इकलौता ऐसा खाड़ी देश है जहां मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक एक बार भी नहीं गए थे। खाड़ी देश भारत के लिए ऊर्जा, निवेश और व्यापार के आधार पर प्रमुख साझेदार हैं।
क्या है JCC संगठन ? खाड़ी सहयोग परिषद ( JCC) खाड़ी देशों का एक संगठन है। इसमें बहरीन, कुवैत, कतर, ओमान, सऊदी अरब, और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है। साल 2022-23 में भारत का जेसीसी देशों के साथ 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले देशों में कुवैत छठे नंबर पर है। दोनों देशों के बीच में साल 2023-24 में करीब 1000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। भारत मुक्त व्यापार समझौते के लिए जीसीसी के साथ लगातार बातचीत कर रहा है। पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच संबंध और बेहतर होंगे।
सालों पहले से दोनों देशों में हो रहा व्यापार
भारत-कुवैत के बीच राजनयिक संबंध 1961 में स्थापित हुए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और कुवैत की दोस्ती सालों पहले से है। जब कुवैत में तेल का कारोबार नहीं था। उस समय भारत के साथ समुद्री व्यापार कुवैत की अर्थव्यवस्था के लिए अहम था। तब कुवैत से नई जहाज, कीमती मोती, मछली, खजूर, अरबी घोड़े और लकड़ियां भारत भेजी जाती थीं।
साथ ही दोनों देशों में मसाले, अनाज और कपड़े का व्यापार होता था। कुवैत में साल 1961 तक भारतीय करेंसी में लेन-देन होता था। जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों का पता चलता है।
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