PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana: 100 Districts to Undergo Agricultural Transformation Over 6 Years | केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी: कम कृषि उत्पादन वाले 100 जिलों पर फोकस; 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा

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नई दिल्ली36 मिनट पहले

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1 फरवरी 2025 को बजट के दौरान  वत्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा थी।  - Dainik Bhaskar

1 फरवरी 2025 को बजट के दौरान  वत्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा थी। 

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी है। 1 फरवरी 2025 को बजट के दौरान वत्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा थी।

योजना 2025-26 से शुरू होकर अगले 6 साल तक चलेगी। इसके तहत देश के 100 कम कृषि उत्पादन वाले जिलों के किसानों को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। इसमें 1.7 करोड़ किसानों को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।

इसका मकसद इन जिलों में ज्यादा उत्पादन, फसल विविधता, टिकाऊ खेती, आधुनिक भंडारण और हर किसान को किफायती कर्ज देना है। यहां सवाल-जवाब में जानिए योजना की जानकारी…

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है?

यह योजना नीति आयोग की आस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम से प्रेरित है, लेकिन यह देश में केवल कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर ही फोकस करेगी। इसमें 100 ऐसे जिलों को चुना जाएगा जहां अभी उत्पादकता कम, फसल चक्र सीमित और किसानों को लोन वितरण काफी कम रहता है। हर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला जरूर कवर होगा।

इस योजना में क्या-क्या नए बदलाव होंगे?

फसल विविधता पर फोकस:प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में ज्यादा पैदावार, फसल विविधता पर फोकस किया जाएगा। इससे खेती की उत्पादकता बढ़ेगी। किसानों को अब गेहूं-धान के बजाय दूसरी फसलों और टिकाऊ कृषि तरीकों को भी अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ।

पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण:कटाई के बाद उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए पंचायत-स्तर और ब्लॉक-स्तर पर गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और वैल्यू ऐडिशन यूनिट्स बनाई जाएंगी।

बेहतर सिंचाई और ऋण व्यवस्था: हर किसान तक लंबी और छोटी अवधि का सस्ता कर्ज और सिंचाई सुविधाएं पहुंचेंगी।

प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती: मिट्टी-पानी संरक्षण, जैविक खेती और जल की बचत पर खास फोकस होगा, जिससे किसान के खर्च घटें और आमदनी बढ़े।

कैसे काम करेगी योजना?

36 केंद्रीय योजनाओं का एकीकरण: इसमें कुल 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को मिलाया जाएगा, साथ में राज्य की योजनाएं और निजी क्षेत्र की भागीदारी भी जोड़ी जाएगी।

हर जिले की अपनी धन-धान्य समिति: प्लानिंग और मॉनिटरिंग के लिए हर जिले, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों को जोड़कर समिति बनाई जाएगी।

डिजिटल डैशबोर्ड: 117 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर महीने-दर-महीने हर जिलें के प्रोग्रेस की निगरानी होगी। नीति आयोग और केंद्रीय अधिकारी भी समय-समय पर समीक्षा करेंगे।

जिला कृषि समिति : हर जिले का अपना ‘डिस्ट्रिक्ट एग्रीकल्चर एंड अलाइड एक्टिविटीज प्लान तैयार होगा, उसमें स्थानीय जरूरत और ताकत के हिसाब से फसल, सिंचाई, भंडारण आदि की रणनीति तय होगी।

कैबिनेट ने 2 बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी

  • सरकार ने नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन (NIPC) को और ताकत देने के लिए 20,000 करोड़ रुपए का स्पेशल फंड दिया है। इस फंड का इस्तेमाल रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स जैसे सोलर, विंड, ग्रीन हाइड्रोजन में निवेश के लिए किया जाएगा।
  • नेशनल क्लीन इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (NCIL) को क्लीन टेक्नोलॉजी और इनोवेटिव स्टोरेज के लिए 7,000 करोड़ रुपए की नई पूंजी मिलेगी। इससे नई तकनीक, इनोवेटिव एनर्जी स्टोरेज, बैटरी, स्मार्ट ग्रिड में इन्वेस्टमेंट किया जाएगा।

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