PCS officers should give details of their assets by June 30 | PCS अधिकारी 30 जून तक दें अपनी संपत्ति का ब्यौरा: सरकारी पोर्टल स्पैरो पर नहीं किया अपलोड, तो होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई – Lucknow News


उत्तर प्रदेश के PCS अधिकारी को अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं देने पर मुश्किलें बढ़ सकती हैं।दरअसल यूपी के पीसीएस अधिकारियों को अपनी आय का ब्यौरा 28 फरवरी तक ही दे देना था, लेकिन अब तक सरकारी पोर्टल स्पैरो पर यह जानकारी अपलोड नहीं की गई है।

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अधिकांश अधिकारी अपनी इनकम की जानकारी देने में हितकीचा रहे हैं। जिसको लेकर अब नियुक्ति विभाग ने सख्ती करना शुरू कर दी है। विभाग की ओर से सभी पीसीएस अधिकारियों और विभागों को पत्र जारी करके हर हाल में 30 जून तक वेबसाइट पर आय से संबंधित जानकारी अपलोड करने की हिदायत दी है। ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए तैयार रहने को कहा है।

28 फरवरी था अंतिम दिन, नियुक्ति विभाग ने दी वार्निग

नियुक्ति विभाग के विशेष सचिव धनंजय कुमार शुक्ला की ओर से जारी पत्र में सभी PCS अधिकारियों को शख्त हिदायत दी गई है कि, वे अब वेबसाइट पर अपनी जानकारी अपलोड कर दें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। दरअसल पहले PCS अफसरों को अपनी चल अचल संपत्ति की जानकारी sparrow-pcs-up.gov.in पर अनिवार्य रूप से 28 फरवरी 2024 तक देने का आदेश जारी किया गया था।

आदेश के बाद भी कई पीसीएस अधिकारियों की ओर से अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं भरा गया है। जिन अधिकारियों की ओर से अभी तक अपना सालाना चल-अचल संपत्ति का विवरण ऑन-लाइन नहीं भरा गया है। उन्हें अंतिम मौका देते हुए नियुक्ति विभाग ने जानकारी देने की आखिरी तारीख 30 जून तक बढ़ा दी है।

प्रदेश के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष को भी दिया गया निर्देश

उत्तर प्रदेश के सभी विभाग के अध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि, उनके अधीनस्थ तैनात सभी पीसीएस अधिकारियों को 30 जून तक हर हाल में अपनी चल अचल संपत्ति का विवरण स्पैरो वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। ऐसा न करने की पर उनके खिलाफ शख्त एक्शन लिया जाएगा।

20 लाख कर्मचारियों देना है संपति का ब्यौरा

उत्तर प्रदेश के करीब 20 लाख कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्यौरा अपलोड करना है। यह कार्रवाई भी जारी है। माना जाता है कि अनेक अधिकारी और कर्मचारी जो आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर चुके हैं। वे जानकारी देने से कतरा रहे हैं ताकि उनके खिलाफ किसी तरह का एक्शन ना हो। लेकिन अब सारी व्यवस्था ऑनलाइन हो जाने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों पर जल्द से जल्द संपत्ति का ब्यौरा देने का दबाव बना हुआ है। माना जा रहा है बदले हुए हालातों में ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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