1 घंटे पहले
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बिजनेसमैन के मुताबिक विकास यादव और लारेंस बिश्नोई के आपसी संबंध है।
अमेरिका में वांटेड विकास यादव को दिल्ली पुलिस ने 18 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ दिल्ली के एक बिजनेसमैन ने हत्या के प्रयास और किडनैपिंग का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने विकास और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापारी ने विकास और गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के संबंधों के बारे में भी बताया था। इस मामले में विकास को अप्रैल में जमानत मिल चुकी है।
अमेरिका ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को विकास पर खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप तय किए हैं। इसके अलावा उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगाए गए। अमेरिका की खुफिया एजेंसी FBI का कहना है कि विकास भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी RAW से जुड़े थे।
विकास यादव की ये फोटो अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी FBI ने अपनी वेबसाइट पर डाली है।
विकास ने कहा था लारेंस ने मारने की सुपारी दी है दिल्ली के आईटी कंपनी चलाने वाले एक बिजनेसमैन ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बिजनेसमैन ने बताया कि उसकी और विकास की मुलाकात नवंबर में हुई थी। खुद को एक सीनियर सरकारी अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने विकास से उसका परिचय करवाया था। इसके बाद विकास ने उसे बताया कि वह एक अंडरकवर एजेंट है। हालांकि उसने कभी अपने काम और ऑफिस के बारे में बिजनेसमैन को नहीं बताया। विकास ने 11 दिसंबर को उसे लोधी रोड बुलाया। जहां विकास और उसके एक साथी ने बिजनेसमैन को किडनैप कर लिया। वे उसे डिफेंस कॉलोनी इलाके के एक फ्लैट में ले गए।
यहां विकास ने उसे बताया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने उसे बिजनेसमैन को मारने की सुपारी दी है। उन्होंने उसके साथ मारपीट की और उसकी सोने की चेन, अंगूठिया और कैश छीन लिया। इसके बाद वे उसे सड़क किनारे छोड़कर भाग गए। विकास ने बिजनेसमैन को धमकाया था कि अगर उसने पुलिस में शिकायत दी तो अच्छा नहीं होगा।
पन्नू की हत्या की साजिश का मामला क्या है पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था। निखिल पर अमेरिका में केस चलाया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया था।
अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक, पन्नू को मारने की साजिश पिछले साल सितंबर में PM मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। भारत के एक पूर्व अफसर (विकास यादव) ने निखिल गुप्ता से पन्नू की हत्या की साजिश रचने को कहा था।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने निखिल के कोर्टरूम में रहने के दौरान का यह स्केच जारी किया था।
पन्नू मामले में कब, क्या हुआ, चार्जशीट के मुताबिक पूरी टाइमलाइन…
- मई 2023: अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के मुताबिक एक भारतीय अधिकारी (विकास यादव) ने निखिल गुप्ता को हायर किया।
- 29 मई: निखिल गुप्ता ने किसी ऐसे शख्स की तलाश शुरू की जो पन्नू को मार सके। हालांकि, जिसे पन्नू को मारने के लिए हायर किया गया वो अमेरिका का अंडर कवर एजेंट निकला। कुछ हफ्तों तक निखिल गुप्ता ने इस अंडर कवर एजेंट से पन्नू को मारने के तरीके और कीमत पर चर्चा की।
- 9 जून: गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए हायर किए गए हिटमैन को एक शख्स के जरिए 15 हजार डॉलर (12 लाख 49 हजार रुपए) का कैश भिजवाया। ये हत्या के लिए एडवांस पेमेंट था। पूरी डील 1 लाख डॉलर (84 लाख रुपए) में हुई थी।
- 11 जून: भारतीय अधिकारी ने गुप्ता को कहा कि पन्नू को अभी नहीं मरवा सकते हैं। दरअसल, जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे। गुप्ता ने भी फोन पर कहा था कि 10 दिनों तक कुछ नहीं किया जा सकता है, नहीं तो प्रदर्शन शुरू हो जाएंगे।
- 18 जून: कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई।
- 19 जून: गुप्ता ने निज्जर की हत्या का वीडियो अमेरिका में पन्नू की हत्या के लिए हायर किए हिटमैन को भेजा और कहा कि ये अच्छी खबर है, अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
- 24 जून से 29 जून: गुप्ता ने पन्नू का मारने का प्लान आगे बढ़वाया। पन्नू की निगरानी शुरू हुई।
- 30 जून: गुप्ता को चेक रिपब्लिक में अमेरिका के कहने पर हिरासत में ले लिया गया।
कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन करते खालिस्तानी समर्थक। गुरपतवंत सिंह पन्नू पर आरोप है कि वह कनाडा में खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करवाता है और भारत में खालिस्तान के हिमायतियों को फाइनेंशियली सपोर्ट करता है।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
- गुरपतवंत सिंह पन्नू मूलरूप से पंजाब के खानकोट का रहने वाला है। वो फिलहाल अमेरिका में रहता है और सिख फॉर जस्टिस नाम का संगठन चलाता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है।
- भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा था।
- पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कथित साजिश का यही मुख्य टारगेट था। हालांकि, FBI की चार्जशीट में इसका जिक्र नहीं है।
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खालिस्तानी आतंकी पन्नू बोला- कनाडा को भारत विरोधी जानकारियां दीं:ट्रूडो को भारतीय उच्चायोग का खुफिया नेटवर्क बताया, 3 साल से उनके संपर्क में हूं
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 16 अक्टूबर को एक इंटरव्यू में कहा कि उसने कनाडा को भारत के खिलाफ जानकारियां दी हैं। पन्नू ने ये भी कहा कि उसका आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस पिछले 2 से 3 सालों से कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो के साथ संपर्क में है। पूरी खबर यहां पढ़ें…