पंचकूला सेक्टर-21 निवासी केंद्रीय विद्यालय से रिटायर्ड लाइब्रेरी टीचर से साइबर ठगों ने करीब डेढ़ लाख रुपए की ठगी कर ली। साइबर थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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पीड़ित रेनु दत्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका आई.डी.बी.आई. बैंक सैक्टर-11 पंचकूला में खाता है, जिसे वे बंद करवाना चाहती थीं। कुछ दिन पहले वह खाते को बंद करवाने के लिए बैंक गईं, जहां उनकी मुलाकात बैंक की कर्मचारी पूर्ति धीमान से हुई।
पूर्ति ने खाते को बंद करने का आश्वासन दिया, लेकिन उनका डीमेट अकाउंट बंद नहीं हुआ। इसके बाद जब वह दोबारा बैंक गईं, तो पूर्ति धीमान ने खाते को बंद करने के लिए कुछ ऑनलाइन आवेदन किया और बताया कि मोबाइल नंबर पर एक ओ.टी.पी. आएगा, जिसे उन्हें बताना होगा।
फर्जी बैंक मैनेजर के झांसे में आई रेनु दत्ता
16 अक्टूबर को रेनु दत्ता ने पूर्ति धीमान को फोन किया, लेकिन वह व्यस्त थीं, इसलिए उन्होंने बाद में कॉल करने को कहा। इसके बाद वॉट्सऐप पर एक संदेश आया और कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को अभिषेक शर्मा नामक बैंक मैनेजर बताया। उस व्यक्ति ने रेनु के डीमेट अकाउंट को बंद करवाने के लिए बातचीत शुरू की और एक लिंक वॉट्सऐप पर भेजा।
रेनु ने जैसे ही उस लिंक पर क्लिक किया, उनके गूगल पे के माध्यम से दो बार में करीब एक लाख रुपए काट लिए गए। इसके बाद ठग ने उनके डेबिट कार्ड की जानकारी मांगकर उससे भी 49 हजार 990 रुपए ट्रांसफर कर लिए। बाद में उन्हें पता चला कि कुल मिलाकर करीब डेढ़ लाख रुपए की धोखाधड़ी हो चुकी है।
पुलिस जांच जारी
रेनु दत्ता की शिकायत के आधार पर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने ठगों की पहचान के लिए बैंक और मोबाइल रिकॉर्ड्स की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने लोगों को सावधान रहने की अपील की है, खासकर बैंकिंग से जुड़े ओ.टी.पी. या लिंक शेयर करने से बचने की सलाह दी है।
ठगी के बढ़ते मामले
इस घटना ने एक बार फिर से साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को ठगने के बढ़ते मामलों को उजागर किया है। पुलिस का कहना है कि डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, और लोगों को ऑनलाइन बैंकिंग गतिविधियों के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।