कॉलर ने अपना नाम विनय गुप्ता बताया। पहले उसने सिक्योरिटी फीस पर बात की। बाद में फौजियों के बारे में पूछने लगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पंजाब में एक कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हो रही है। जिसमें एक कॉलर बठिंडा के युवक को कॉल कर बठिंडा कैंट से आर्मी की मूवमेंट की जानकारी लेने की कोशिश कर रहा है।
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बातचीत में कॉलर युवक का नाम शुभम बताता है और खुद को अकाउंटेंट विनय गुप्ता बता रहा है। पहले कॉलर ने युवक को वॉट्सऐप कॉल कर इंस्टीट्यूट की सिक्योरिटी फीस भेजने की बात कही। इसके बाद बातों-बातों में वह बठिंडा कैंट में रहने वाले फौजियों के बारे में पूछताछ करने लगा।
कॉलर ने शुभम से कहा कि क्या कैंट में रहने वाले लोग बॉर्डर की तरफ चले गए हैं क्या? वहां बॉर्डर पर आतंकवादियों से मुठभेड़ चल रही है। शुभम ने कॉलर से कहा कि मैं अब कैंट में नहीं रहता। मेरे पिता आर्मी से रिटायर होने वाले हैं, इसलिए हम बाहर रहने लगे हैं। मैं वहां के बारे में कुछ नहीं जानता।
कॉलर के बातचीत करने के लहजे से शक जताया जा रहा है कि ये कॉल किसी पाकिस्तानी ने की है। इस बारे में बठिंडा के SP (सिटी) नरिंदर सिंह ने कॉल रिकॉर्डिंग सामने आने की पुष्टि करते हुए कहा कि साइबर सेल से इसकी जांच कराई जाएगी। जिस आदमी ने कॉल की, उस तक पहुंचकर पूछा जाएगा कि उसका मकसद क्या था?

कॉलर ने शुभम नाम के युवक को कॉल करने से पहले वॉट्सऐप पर मैसेज भी किए।
सबसे पहले जानिए, पाकिस्तान से कॉल आने का शक क्यों?
- पाकिस्तानी लहजे में बोल रहा व्यक्ति: जो व्यक्ति कॉल पर शुभम से बात कर रहा है, उसका लहजा पाकिस्तानी है। कुछ हिंदी के शब्द वह ठीक से नहीं बोल पा रहा। बीच में बात करते हुए वह इंग्लिश के शब्द बोलने लगता है। अटकने की वजह से शुभम को भी उस पर शक होता है।
- बार-बार आर्मी के बारे में पूछ रहा: व्यक्ति शुभम से सिक्योरिटी फीस पर बात करने के बाद कैंट में रह रहे फौजियों के बारे में बातचीत करने लगा। उसने पहले उससे कैंट में रहने के बारे में पूछा। इसके बाद साथी क्लासमेट के परिवार के बारे में पूछने लगा कि वो अभी भी यहां रह रहे हैं या बॉर्डर की तरफ निकल गए।
- मिलिट्री ट्रेन के बारे में पूछा: व्यक्ति ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के बॉर्डर पर आतंकियों से मुठभेड़ चल रही है। वो लोग मिलिट्री ट्रेन से निकल गए होंगे। इस पर शुभम कहता है कि मुझे नहीं पता, यहां से कोई ट्रेन नहीं जाती। इस पर व्यक्ति कहता है कि वो सिविल ट्रेन से थोड़ी जाएंगे, उनके लिए तो मिलिट्री ट्रेन होती है।
अब युवक के साथ कॉलर की बातचीत पढ़िए….
कॉलर: हेलो, गुड मॉर्निंग, जय हिंद शुभम: जय हिंद
कॉलर: शुभम कुमार शर्मा जी बात कर रहे हैं शुभम: हांजी
कॉलर: अकाउंटेंट विनय गुप्ता बात कर रहा हूं APS बठिंडा से, कैसे हैं आप शुभम: मैं बढ़िया हूं, आप बताओ
कॉलर: बिल्कुल बढ़िया, आप हमारे स्टूडेंट रहे हैं शुभम: जी
कॉलर: कल आपके पापा राधेश्याम शर्मा से बात हुई थी, आपको बताया होगा शुभम: हांजी, हांजी
कॉलर: आपने सिक्योरिटी फीस जमा कराई थी 5 हजार, वो रिवोक नहीं हुई थी। आप पासआउट होकर निकल गए थे शुभम: हांजी
कॉलर: आपकी जो अमाउंट थी, उसे किस नंबर पर डाला था शुभम: पिता के नंबर पर डाला था
कॉलर: 8872 वाले नंबर पर ना शुभम: हांजी, हांजी
कॉलर: उसमें पे हम कर देंगे, आपके पापा ने बोला था कि आपसे बात कर लूं शुभम: हांजी, हांजी
कॉलर: आपके क्लासमेट का भी पेंडिंग में चल रहा था शुभम: जी
कॉलर: अभी आप कहां बठिंडा स्टेशन में रहते हैं शुभम: अभी पापा रिटायर होने वाले हैं तो हम यहां से चले गए
कॉलर: इधर से क्वार्टर छोड़ दिया आपने, पहले मेरे पास यही एड्रेस था शुभम: हां रिटायर होने वाले हैं तो क्वार्टर छोड़ दिया
कॉलर: हमने आपके ओल्ड एड्रेस पर लेटर भेजा था, लेकिन वो वापस आ गया शुभम: हांजी, हांजी
कॉलर: आपके जो क्लासमेट थे उनके पापा से बात नहीं हो पा रही, जो आर्मी वाले थे, वे बॉर्डर की तरफ निकल गए हैं क्या शुभम: मुझे नहीं पता, मैं कैंट में नहीं रहता सर जी
कॉलर: कल आपके पापा ने बताया था कि फैमिली यहां से चली गई है शुभम: आप स्टूडेंट के नाम बता दीजिए, मैं उनसे खुद पूछ लूंगा आपकी सिक्योरिटी क्यों नहीं आई
कॉलर: शगुन आपकी क्लासमेट थी, उनके पापा योगेश कुमार थे। वो ब्रिगेड में थे शुभम: शगुन नाम की लड़की थी। मुझे ये नहीं पता कौन सी ब्रिगेड में थे। मैं तो बाहर रहता हूं
कॉलर: दूसरी रोहिणी पाल थी साथ में शुभम: जी, वो बहुत पुरानी बात है
कॉलर: इनके डिपोजिट का क्या करेंगे। ये शायद कहीं और चले गए। आप कैंट से काफी दूर हैं क्या शुभम: हां हम रेलवे स्टेशन के पास रहते हैं
कॉलर: उधर से तो ट्रेन गई हैं, फैमिली रह गई हैं पीछे शुभम: नहीं, बठिंडा स्टेशन से तो कोई ट्रेन नहीं जाती
कॉलर: मिलिट्री ट्रेन में जाएंगे वो, सिविल ट्रेन में नहीं जाएंगे। फौजी आगे गए हैं। आतंकवादियों के साथ अपनी मुठभेड़ चल रही है शुभम: वो तो भइया वही जाने, मैं तो घर पर रहता हूं क्या चल रहा है। मैं तो खाता हूं, नहाकर सो जाता हूं
कॉलर: तो अब आप आगे स्टडी नहीं कर रहे हैं क्या? शुभम: मैं घर पर ही फॉरेन IFS के लिए तैयारी कर रहा हूं।

बठिंडा के SP नरिंदर सिंह ने कहा है कि वे रिकॉर्डिंग की जांच कर रहे हैं।
वायरल कॉल रिकॉर्डिंग पर बठिंडा पुलिस की 3 अहम बातें…
1. साइबर फ्रॉड वाले एप्रोच करते हैं, जांच करेंगे बठिंडा के SP (सिटी) नरिंदर सिंह ने कहा- साइबर फ्रॉड के नाम पर लोग अलग-अलग तरह से दूसरे लोगों को एप्रोच करते हैं। कई बार वह खुद को किसी कोचिंग का भी आदमी बताते हैं। जैसे वायरल कॉल रिकॉर्डिंग में फीस के संबंध में बात कर रहा है कि मैं आपकी फीस वापस कर दूंगा। साइबर फ्रॉड का मकसद किसी से पैसे लेना भी हो सकता है। हो सकता है कि वह कोई इन्फॉर्मेशन लेना चाहता हो। साइबर सेल की ड्यूटी लगाकर इसकी जांच करवा लेंगे।
2. आदमी का पता चलने पर सब क्लियर होगा कॉल रिकॉर्डिंग में आर्मी की मूवमेंट के बारे में पूछे जाने के सवाल पर SP ने कहा- सोशल मीडिया पर साइबर फ्रॉड से जुड़ी कई तरह की कॉल आती हैं। कई बार सामने वाला उसका भरोसा जीतकर फ्रॉड करने की कोशिश करता है। हम चेक कर रहे हैं कि वह आदमी कौन है, उसके बाद क्लियर किया जा सकता है।
3. आर्मी की रेकी पर अभी कुछ नहीं कह सकते आर्मी की रेकी किए जाने के सवाल पर SP ने कहा- इस स्टेज पर कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होगा। जितनी देर यह पता नहीं चलता कि कॉल करने वाले का मकसद पैसे लेना था या कोई इन्फॉर्मेशन लेनी थी। जब तक उसे ट्रेस नहीं किया जाता, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। हम इसे वेरिफाई कर आदमी तक पहुंचेंगे।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पंजाब स्थित बठिंडा कैंट में प्राइवेट तौर पर काम कर रहे मोची को पकड़ा गया है। सेना ने उसे जासूसी के शक में पकड़ने के बाद पंजाब पुलिस के थाना कैंट के हवाले किया है। पकड़ा गया मोची 26 साल का सुनील कुमार है। जो मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है। पढ़ें पूरी खबर