Pakistani PM says Trump stopped India-Pakistan war | पाकिस्तानी PM बोले- ट्रम्प ने भारत-PAK जंग रुकवाई: मैं उनको सैल्यूट करता हूं; अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- अब कहने को क्या बचा, घर चलें


1 घंटे पहले

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मिस्र के शहर शर्म अल शेख में शहबाज शरीफ और डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात हुई। - Dainik Bhaskar

मिस्र के शहर शर्म अल शेख में शहबाज शरीफ और डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात हुई।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच जंग रुकवाने के दावे का समर्थन किया। शहबाज ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प वास्तव में शांति पुरुष हैं, उनके प्रयासों के बाद शांति स्थापित हुई है। उन्होंने न सिर्फ भारत-पाकिस्तान की जंग रुकवाई बल्कि दुनिया में 8 संघर्षविराम कराए।

शरीफ ने ये बातें मिस्र के शहर शर्म अल शेख में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं। दरअसल ट्रम्प ने गाजा शांति समझौते के लिए इस सम्मेलन को लीड किया था। जिसमें 20 से ज्यादा देशों के नेता शामिल हुए।

ट्रम्प ने अपनी स्पीच के बीच में शरीफ को बुलाया और पूछा, “क्या आप कुछ कहना चाहते हैं?” साथ ही पाकिस्तान पीएम से आग्रह किया कि “वही बोलें जो आपने मुझसे पिछले दिनों कहा था।”

शरीफ ने करीब पांच मिनट तक संबोधन किया। इसके बाद ट्रम्प फिर पोडियम पर आए और शरीफ के भाषण को शानदार बताया। साथ ही मजाक में कहा कि अब कहने को कुछ बचा ही नहीं है, चलो घर चलते हैं।

ट्रम्प बोले- भारत में मेरा दोस्त, उम्मीद है पड़ोसी देश मिलकर रहेंगे डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने भाषण में भारत का भी जिक्र किया। ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उनकी तारीफ की और कहा कि भारत एक महान देश है जिसके शीर्ष पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और उसने बहुत अच्छा काम किया है।

मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे। इस दौरान ट्रम्प ने अपने पीछे खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर मुस्कुराते हुए देखा।

ट्रम्प बोले- मैं जग रुकवाने में माहिर: ये नोबेल के लिए नहीं करता

नोबेल पीस प्राइज नहीं मिलने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा था कि मैंने अब तक 8 युद्ध रुकवाए हैं। ऐसा करना सम्मान की बात है। मैंने लाखों लोगों की जान बचाई।

ट्रम्प आगे कहते हैं कि, अभी जो नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया यह 2024 के लिए चुना गया था। लेकिन कुछ लोग कह रहे थे कि मैं अपवाद बन सकता हूं क्योंकि मैंने जो जंग रुकवाई हैं वो सभी इस साल यानी 2025 के घटनाक्रम हैं, फिर भी मैंने यह नोबेल के लिए नहीं किया। मैंने यह जीवन बचाने के लिए किया।

यही नहीं ट्रम्प ने आगे कहा, ‘मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी युद्ध चल रहा है। मैंने कहा, उन्हें मेरे वापस आने तक इंतजार करना होगा। क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं।

वेनेजुएला में विपक्षी नेता मारिया मचाडो को मिला नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया मचाडो को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। उन्होंने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए 20 साल लगातार संघर्ष किया है।

नोबेल समिति ने कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद जगाती है।

ट्रम्प को नोबेल क्यों नहीं मिला?

2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 थी। इस तिथि के बाद प्राप्त नामांकनों पर विचार नहीं किया गया। नामांकन की प्रक्रिया 1 फरवरी से शुरू होती है, और 31 जनवरी तक मिले नामांकनों को ही मान्य माना जाता है।

ट्रम्प के 20 जनवरी 2025 को दोबारा राष्ट्रपति बनने के सिर्फ 11 दिन बाद नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन बंद हो गया था। इतने कम दिन में ट्रम्प के पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं था जिसके लिए उन्हें नोबेल मिलता।

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