इस्लामाबाद2 घंटे पहले
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सारे आतंकी पाकिस्तान सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए थे।(फाइल फोटो)
पाकिस्तान सेना ने मंगलवार को दावा किया कि उसने दक्षिण वजीरिस्तान में अफगानिस्तान सीमा के पास 30 आतंकवादियों को मार गिराया है।
ये सारे आतंकी पाकिस्तान सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए थे। पाकिस्तान में सख्त शरिया कानून लागू करने के मकसद से राज्य पर कब्जा करना चाहते हैं।
हालांकि, सेना ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि मारे गए आतंकी किस संगठन से जुड़े थे।
दक्षिण वजीरिस्तान में यह अभियान आतंकियों को इस कबायली जिले से हटाने के लिए चलाया गया था, जो लंबे समय से दोनों देशों में एक्टिव हैं।
यह इलाका लंबे समय से आतंकियों के ठहरने का अड्डा माना जाता है। यहां पत्रकारों और मानवाधिकार संगठनों के जाने पर भी रोक है।
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सेना ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि मारे गए आतंकी किस संगठन से जुड़े थे। (फाइल फोटो)
26 जनवरी को खैबर राज्य में 30 आतंकी मारे गए थे खैबर पख्तूनख्वा में 26 जनवरी को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 30 आतंकवादियों को मार गिराया था। तीन अलग-अलग ठिकानों में आतंकियों के खिलाफ सीक्रेट ऑपरेशन चलाया गया था।
पहली मुठभेड़ खैबर पख्तूनख्वा में हुई, जहां पाकिस्तानी सैनिकों ने 18 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि 6 घायल हुए। वहीं, करक जिले में 8 आतंकियों का ढेर किया गया। तीसरी मुठभेड़ खैबर जिले के बाग इलाके में हुई। यहां सेना ने चार आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि दो घायल हुए।
मारे गए आतंकवादियों के पास से कई हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए। इससे पहले 12 जनवरी को पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने उत्तरी वजीरिस्तान जिलों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में 9 आतंकवादियों को मार गिराया था।
पाकिस्तानी तालिबान का गढ़ है खैबर प्रांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को पाकिस्तान का सबसे अशांत इलाका माना जाता है। यहां पर पाकिस्तानी तालिबान के आतंकी लगातार पाकिस्तानी सेना को निशाने बनाते रहते हैं। इसके साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव रहा है।
इस वजह से कई आतंकी गुट इसे पनाहगाह की तरह इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक सीमा के जरिए अलग होते हैं। इसे डूरंड लाइन कहा जाता है। पाकिस्तान इसे बाउंड्री लाइन मानता है, लेकिन तालिबान का साफ कहना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा राज्य उसका ही हिस्सा है।
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पाकिस्तान ने जब डूरंड लाइन पर फेंसिंग की थी तो तालिबान ने इसे उखाड़ दिया था।
दो महीने पहले झड़प में 80 से ज्यादा लोग मारे गए इस इलाके में शिया और सुन्नी समुदाय के बीच भी कई बार हिंसक झड़प हो चुकी है। कुछ महीने पहले ही खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में शिया और सुन्नी हिंसा में 82 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 156 लोग घायल हो गए थे। यहां रहने वाली जनजातियों में लंबे वक्त से जमीन विवाद चला आ रहा है।
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कुर्रम जिले में लंबे वक्त से शिया और सुन्नी समुदाय की जनजातियों में संघर्ष चल रहा है। दो महीने पहले हुए संघर्ष की तस्वीर।
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