इस्लामाबाद59 मिनट पहले
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PoK में 29 सितंबर से प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो 4 अक्टूबर तक चले।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 5 दिनों से चल रहे हिंसक प्रदर्शन शनिवार को खत्म हो गए। पाकिस्तान सरकार और जम्मू कश्मीर जॉइंट आवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के बीच समझौता हो गया।
सरकार ने प्रदर्शनकारियों की 38 में से 21 मांगे मान ली हैं, जिसके बाद सभी विरोध-प्रदर्शन बंद करने का ऐलान किया गया। इन प्रदर्शनों में 10 लोग मारे गए, जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हालात बिगड़ने पर बुधवार को PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री रजा परवेज अशरफ भी शामिल थे।

पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री रजा परवेज अशरफ शामिल थे।
समझौते की मुख्य बातें-
- कैबिनेट छोटी होगी: PoK की सरकार में अब 20 से ज्यादा मंत्री नहीं होंगे।
- विभागों का विलय: कुछ सरकारी विभागों को मिलाकर कम किया जाएगा।
- नीलम वैली में सुरंगें: दो नई सुरंगों के लिए अध्ययन शुरू होगा।
- मीरपुर में हवाई अड्डा: इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की योजना।
- शिक्षा बोर्ड बढ़ाएंगे: स्कूल बोर्ड बनाए जाएंगे ताकि शिक्षा बेहतर हो।
- MRI-CT मशीनें: हर जिले के अस्पताल में MRI और CT स्कैन मशीनें लगेंगी।
- हेल्थ कार्ड: 15 दिनों में सभी को हेल्थ कार्ड मिलेगा।
- बिजली के लिए पैसा: बिजली सिस्टम सुधारने के लिए 10 अरब पाकिस्तानी रुपए दिए जाएंगे।
समझौते लागू करने के लिए निगरानी समिति बनेगी
समझौते को लागू करने के लिए सरकार एक निगरानी समिति बनाएगी। इसके साथ ही हिंसा के दोषियों पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मुकदमा चलेगा और न्यायिक जांच होगी।
समझौते में मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिवारों को सरकारी कर्मचारियों जितना मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया गया है। घायलों को आर्थिक मदद मिलेगी।

पाकिस्तानी सेना ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी, जिसमें 10 लोग मारे गए थे।
मारे गए लोगों के लिए 3 दिन जुलूस निकाले जाएंगे
प्रदर्शनकारियों ने इसे शांति की जीत बताया है और कहा कि वे अगले तीन दिनों तक मारे गए लोगों की याद में जुलूस निकालेंगे। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने कहा कि सभी सड़कें खुल गई हैं और शांति बहाल है।
ये प्रदर्शन 29 सितंबर को JKJAAC की अपील पर शुरू हुए थे। इन्होंने प्रदर्शनकारी सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई कंट्रोल न कर पाने का आरोप लगाया था।

PoK में पहले भी कई बार प्रदर्शन हुए
PoK में पहले भी कई बार सेना और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पिछले साल मई में सस्ते आटे और बिजली के लिए लोगों ने हड़ताल की थी। लोग कहना है कि PoK में मौजूद मंगला डैम से बिजली बनती है, फिर भी उन्हें सस्ती बिजली नहीं मिलती।
इसी तरह 2023 में भी बिजली की कीमतें बढ़ाने और गेहूं की सब्सिडी हटाने के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे। 2022 में भी सरकार के एक कानून के खिलाफ लोगों ने सड़कें जाम की थीं और आजादी के नारे लगाए थे।
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