Pakistan IMF Loan Package 2025 Update; India | Monetary Fund | IMF पाकिस्तान को ₹11,113 करोड़ देगा या नहीं फैसला आज: 7 अरब डॉलर राहत पैकेज की पहली समीक्षा भी, मीटिंग में भारत कर सकता है विरोध

मुंबई3 घंटे पहले

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IMF की एनुअल मीटिंग (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

IMF की एनुअल मीटिंग (फाइल फोटो)

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का एग्जीक्यूटिव बोर्ड आज यह तय करेगा कि पाकिस्तान को 1.3 बिलियन डॉलर (करीब ₹11,113 करोड़) का नया लोन देना है या नहीं। पाकिस्तान को यह पैकेज क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत दिया जाना है।

बोर्ड की मीटिंग में भारत इसका विरोध कर सकता है क्योंकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के चलते दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात हैं। ऐसे में भारत नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान को कोई भी फंड मिले और वह इसका इस्तेमाल भारत में आतंकवाद फैलाने पर करे।

7 बिलियन डॉलर के पैकेज की पहली समीक्षा

IMF के आज की मीटिंग में एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत पाकिस्तान को मिल रहे 7 बिलियन डॉलर (करीब 59 हजार करोड़ रुपए) की मदद की पहली समीक्षा भी होनी है। मीटिंग में यह तय होगा कि पाकिस्तान को इस पैकेज की अगली किस्त देनी है या नहीं।

पाकिस्तान और IMF ने जुलाई 2024 में तीन साल के लिए 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज पर सहमति जताई थी, जिसके तहत नए कार्यक्रमों से पाकिस्तान को आर्थिक मजबूती देने पर काम किया जाना है।

37 महीने के EFF कार्यक्रम (सहायता कार्यक्रम) में पूरा पैसा मिलने तक छह समीक्षाएं होनी हैं। पाकिस्तान की परफॉर्मेंस के आधार पर लगभग 1 बिलियन डॉलर की अगली किस्त रिलीज की जानी है।

IMF बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

IMF बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड पर दोबारा विचार करने को कहा

भारत ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 बिलियन डॉलर के ऋणों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस पर दोबारा विचार किया जाए, क्योंकि पाकिस्तान को मिलने वाला पैसा आतंक को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है।

हालांकि IMF ने भारत के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया है। वह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 9 मई को पाकिस्तान को दिए जा रहे लोन का रिव्यू करेगा।

पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की तैयारी में भारत

भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह आईएमएफ समेत ग्लोबल मल्टीलैटरल एजेंसियों (वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक) से पाकिस्तान को दिए गए फंड और लोन पर पुनर्विचार करने के लिए कहेगा क्योंकि भारत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी राज्य को कूटनीतिक रूप से घेरना चाहता है। दरअसल, पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे।

क्या करता है IMF का एग्जीक्यूटिव बोर्ड?

IMF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो देशों को आर्थिक मदद करती है, सलाह देती है और उनकी अर्थव्यवस्था पर नजर रखती है। इस संस्था की कोर टीम एग्जीक्यूटिव बोर्ड होता है। यह टीम देखती है कि किस देश को लोन देना है, किन नीतियों को लागू करना है और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कैसे काम करना है।

इसमें 24 सदस्य होते हैं जिन्हें कार्यकारी निदेशक कहा जाता है। हर एक सदस्य किसी देश या देश के समूह का प्रतिनिधित्व करता है। भारत का एक अलग (स्वतंत्र) प्रतिनिधि होता है। जो भारत की तरफ से IMF में अपनी बात रखता है। साथ ही यह देखता है कि IMF की नीतियां देश को नुकसान न पहुंचाएं। संस्था किसी देश को लोन देने वाली हो, तो उस पर भारत की तरफ से राय देना।

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पाकिस्तान का हर बच्चा इस वक्त अपने सिर 86.5 हजार रुपए कर्ज लेकर पैदा होता है। तेल और गैस का इम्पोर्ट बिल हो या सैलरी और सब्सिडी जैसे रोजमर्रा के खर्च, पाकिस्तान की पूरी इकोनॉमी ही कर्ज पर चल रही है। लेकिन अब भारत IMF से पाकिस्तान को मिलने वाले लोन के खिलाफ वोट कर सकता है।

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IMF बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे परमेश्वरन अय्यर: पाकिस्तान को ₹11,000 करोड़ की सहायता देने पर विचार करेगा बोर्ड, 9 मई को बैठक

भारत ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के बोर्ड में परमेश्वरन अय्यर को अस्थायी डायरेक्टर नॉमिनेट किया है। परमेश्वरन 9 मई को होने वाले IMF की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। डिप्लोमेटिक लिहाज से शुक्रवार को होने वाली मीटिंग भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

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