Padma Shree Darshanam Mogilaiah Works as labourer in Hyderabad | पद्मश्री दर्शनम मोगिलैया कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी कर रहे: कहा- हर माह 7000 की दवाई आती है, सरकार से मिलने वाले 10 हजार रुपए बंद हुए

हैदराबाद51 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
दर्शनम मोगिलैया को 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। - Dainik Bhaskar

दर्शनम मोगिलैया को 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

दुर्लभ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट ‘किन्नेरा’ का आविष्कार करने वाले पद्मश्री दर्शनम मोगिलैया आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल ही में उन्हें हैदराबाद में एक कसंट्रक्शन साइट पर मजदूरी करते हुए देखा गया है। 73 साल के दर्शनम को 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्मश्री से सम्नानति किया था।

दर्शनम ने कहा कि सरकार से मिलने वाले हर महीने 10 हजार रुपए बंद हो गए हैं। उनकी और उनके बेटे की दवाई का खर्च ही महीने का 7 हजार रुपए हो जाता है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने किन्नेरा बजाना छोड़ दिया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने भी उन्हें सम्मान के तौर पर 1 करोड़ रुपए दिए थे, जो उनके बच्चों की शादी और अन्य जरूरतों में खर्च हो गए। कुछ दिनों पहले उन्होंने हैदराबाद शहर के बाहर एक प्लॉट खरीदा था। इस पर मकान बनाना भी शुरू कर दिया था, लेकिन पैसे की कमी के कारण यह काम रोक दिया है।

कर्नाटक सरकार के 1 करोड़ रुपए के अलावा सरकार ने उन्हें रंगारेड्डी जिले में 600 स्कवॉयर यार्ड का प्लॉट देने का भी वादा किया था, लेकिन यह अभी तक मुझे नहीं सौंपा गया है।

दर्शनम बोले- सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे, किसी ने मदद नहीं की
9 बच्चों के पिता दर्शनम की पत्नी का निधन 4 साल पहले हो गया था। उन्होंने काम के लिए कई लोगों से कॉन्टेक्ट किया। इसपर कुछ लोगों ने उनके प्रति हमदर्दी जताई। कुछ लोगों ने उन्हें कुछ पैसे भी उधार दिए थे। लेकिन इन सब के बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी।

दर्शनम ने कहा- मेरी और मेरे बेटे की तबीयत खराब रहती है। सिर्फ दवाओं के लिए मुझे 7 हजार रुपए हर महीने चाहिए होते हैं। इसके बाद मेडिकल टेस्ट का खर्चा अलग होता है। दर्शनम की आर्थिक स्थिति तब और खराब हो गई, जब सरकार से उन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपए का मिलने वाला मानदेय बंद कर दिया गया। दर्शनम ने इसे लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे। सभी ने मदद करने का भरोसा दिया, लेकिन असल में कोई मदद नहीं की।

BRS नेता ने की मदद
भारतीय राष्ट्र समिति के नेता केटी रामा राव ने टाइम्स की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद दर्शनम की मदद करने की बात कही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा- इस खबर को लाने के लिए धन्यवाद। मैं दर्शनम की फैमिली का ध्यान रखूंगा। मेरी टीम उनसे तुरंत कॉन्टेक्ट कर रही है।

ये खबरें भी पढ़ें…

मनरेगा मजदूर के बेटे की IAS बनने की कहानी, भाई की तैयारी के लिए बहनों ने पुराना मोबाइल गिफ्ट किया

कच्चा घर। टूटी-फूटी दीवारें। पास में बंधे जानवर। चूल्हा और लकड़ियां। खपरैल के नीचे बैठी खिलखिलाती छोटी बहन और मुस्कुराती मां। पास में खामोश बैठे पिता। यह घर है UPSC क्रैक करने वाले 24 साल के पवन कुमार का। पवन की UPSC में 239वीं रैंक आई है। पूरी खबर पढ़ें…

किसान का बेटा बना JEE-मेन टॉपर: कहा- घर की आर्थिक स्थिति खराब थी, स्कॉलरशिप से मिली मदद

जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE)-मेन में एक बार फिर कोटा का बेहतर परिणाम रहा है। ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक कोटा के एलन इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट नीलकृष्ण की रही। नीलकृष्ण किसान परिवार से आते हैं। उनका कहना है कि माता-पिता के साथ और कोचिंग सेंटर की गाइडेंस से सफलता हासिल की। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *