जिले में इस बार डेंगू ने ऐसा कहर ढाया है कि अब तक बुखार से पीड़ित 9 हजार 314 मरीजों की टेस्ट में 17 प्रतिशत अर्थात 1577 डेंगू पॉजिटिव मिल चुके हैं। पहली बार डेंगू के प्रकोप का दायरा शहर के चिन्हित क्षेत्र एसईसीएल कॉलोनी से बढ़कर शहर के रिहायशी कॉलोनी व
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शुक्रवार को बुखार के लक्षण होने पर जिले में 145 मरीजों की जांच की गई जिसमें से रैपिड टेस्ट में 29 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले। इस तरह 50 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज एक्टिव हैं। हालांकि उनमें से 18 मरीज ही अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती हैं। इसमें से 5 मरीज मेडिकल कॉलेज अस्पताल, 7 मरीज बालको अस्पताल व 6 मरीज कोसाबाड़ी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती है। राहत की बात है कि जिले में डेंगू का स्ट्रेन कमजोर है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक जिले में डेंगू से संक्रमित एक भी मरीज की मौत नहीं होना बताया है।
एलाइजा टेस्ट में अब तक 361 मरीज ही पॉजिटिव जिले में 1 जनवरी से 14 अक्टूबर तक के रिकॉर्ड के अनुसार 9314 बुखार पीड़ित मरीजों की टेस्ट की गई है। जिसमें 1577 पॉजिटिव मिले हैं। उक्त मरीजों में 1174 की एलाइजा टेस्ट हुई, जिसमें 361 पॉजिटिव मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग डेंगू की पुष्टि एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर करता है। इस तरह स्वास्थ्य विभाग 361 मरीजों को वास्तविक डेंगू संक्रमित मान रहा है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे 1320 मरीज शहर में जहां पहले मरीज निजी अस्पतालों पर ज्यादा भरोसा दिखाते थे लेकिन जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पताल बनने के बाद स्थिति बदली है। अब प्रतिदिन पहले से दोगुना-तीगुना मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि 2 माह के दौरान डेंगू के 1320 संदिग्ध मरीज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे। जांच में उनमें से 431 डेंगू पॉजिटिव मिले। जिनका बेहतर ढंग से उपचार किया गया।
ठंड बढ़ने तक रहता है मच्छर का प्रकोप रिटायर्ड सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया के मुताबिक एडिज मच्छर से डेंगू फैलता है। हालांकि डेंगू संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आए दूसरे मच्छर से भी डेंगू का फैलाव होता है। बारिश के सीजन में जलजमाव की वजह से ऐसे मच्छर तेजी से पनपते हैं इसलिए डेंगू भी फैलता है। बारिश थमने के बाद भी मच्छर सक्रिय रहते हैं। ठंड बढ़ने पर मच्छर का प्रकोप कम होता है। इसलिए घरों के आसपास साफ-सफाई रखें। जलजमाव न होने दें। मच्छर से बचाव के लिए जरूरी ऐहतियात बरतें।
संपन्न परिवार निजी अस्पतालों के भरोसे शहर में डेंगू की जद में संपन्न परिवार के सदस्य भी आ रहे हैं। जो सरकारी अस्पताल जाने के बजाए निजी अस्पतालों में ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं। इसलिए बालको अस्पताल, कोसाबाड़ी व निहारिका क्षेत्र के कई निजी अस्पतालों में औसतन प्रतिदिन 5-6 बेड डेंगू के मरीजों से भरे रहते हैं। निहारिका क्षेत्र के निजी अस्पताल में भर्ती एक मरीज के पिता के मुताबिक सरकारी अस्पताल में प्लेट्लेट्स के लिए भटकना पड़ता है जबकि निजी अस्पताल से निजी ब्लड बैंक से संपर्क कर आसानी से प्लेटलेट्स उपलब्ध करा दिया जाता है। यही कारण है कि बेटे को डेंगू होने पर उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
डेंगू के केस घट रहे, स्थिति नियंत्रित
सीएमएचओ डॉ. एसएन केशरी के मुताबिक जिले में डेंगू के केस घट रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। संदिग्ध मरीजों की अस्पताल व शिविरों में जांच की जा रही है। संक्रमित मिलने वाले मरीजों के स्वास्थ्य के अनुसार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मरीज लगातार ठीक हो रहे हैं। जिले में अब तक डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई है।