Organized workshop on heart disease awareness | हृदय रोग को लेकर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन: डॉक्टर ने कहा- वर्तमान में हर व्यक्ति की जीवन शैली व खान-पान का परिवर्तन हुआ – Patna News


पिछले एक साल में हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामलों ने भारतीयों को खौफ से भर दिया। भारत में 12 साल के बच्चों से लेकर 45 साल तक की उम्र के लोगों ने हार्ट अटैक से अपनी जान गंवाई है। हॉट में होने वाली समस्याएं को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे

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डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 महामारी ने लोगों की जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोगों के बीच फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और अवसाद में बढ़ोत्तरी और खराब खानपान की आदतें भी बढ़ी हैं।

साल 2023 के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ वर्षों में विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले अधिक दर्ज किए गए हैं।

डॉ. डेविड ने वेरीसीगट दवा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हार्ट फैल्योर में यह दवा काफी कारगर साबित हो रही है। इस दवा का साइड इफेक्ट बेहद कम है। इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत में डॉ. सुशांत पाठक ने डॉ. डेविड का स्वागत किया और हार्ट फैल्योर की बढ़ती घटना पर उनका ध्यान आकृष्ट किया।

पहले सेशन की अध्यक्षता वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और फोर्ड हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बीबी भारती ने किया। उसके बाद प्रश्न-उत्तर का दौर चला। दूसरे दौर के परिचर्चा में डॉ. डेविड ने इंडियन क्लीनिकल प्रैक्टिस पर बात की।

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