दुनियाभर में युवाओं और किशोरों में सिर व गले के कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वही नाक, कान और गला रोग में साइनस कैंसर एक रेयर कैंसर माना जाता है। दुनिया में बेहद कम लोगों को यह बीमारी होती है। लेकिन अगर हो जाए तो जल्द से जल्द इलाज करन
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ईएनटी कैंसर सर्जन डॉ. मिताली दांडेकर ने कहा कि कई बार साइनस कैंसर के लक्षण साइनस की तरह ही होते हैं। इसलिए लोग ध्यान नहीं देते हैं। इसके लक्षण टीपिकल होते हैं। जैसे एक तरफ का नाक लगातार बंद रहना। एक तरफ के नाक से खून आना। सूजन या अल्सर महसूस होना। चेहरा छूने से सेंसेन नहीं होना। अगर किसी के साथ ऐसा होता है तो उन्हें जल्द से जल्द कैंसर विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा की यह कैंसर चार प्रकार का होता है। मैक्सिलरी साइनस, एथमॉइड साइनस, फ्रंटल साइनस और स्फेनाइड साइनस। मैक्सिगला साइनस गला और तालू के करीब होता है। इसमें कैंसर होने पर तालू छूने पर सेंसेशन नहीं होता है। तालू में सूजन भी हो सकता है। इसी तरह एथमोईल साइनस आंख के करीब होता है। इसमें कैंसर होने पर आंख के अगल-बगल या पास में सूजन हो जाता है। फ्रंटल साइनस और स्पेनाइड साइनस ब्रेन के करीब होता है। इसमें कैंसर रेयरेस्ट होता है।

कैंसर सर्जन डॉ. मिताली दांडेकर
बिना चेहरे को डैमेज किए दूरबीन से इलाज संभव।
डॉ मिताली ने कहा की इसकी शुरूआती इलाज सर्जरी है। दूरबीन विधि से सर्जरी करने पर चेहरा डैमेज नहीं होता है। चेहरे पर कोई निशान नहीं आता है। लेकिन एडवांस स्टेज में साइनस कैंसर की दूरबीन से सर्जरी में चेहरे पर निशान दिखता है। लेकिन फिर भी चेहरा खराब नहीं दिखता है। इलाज के दौरान तालू को रिकंस्ट्रक्ट किया जाता है। इससे मरीज का जीवन सामान्य हो जाता है।
