Operation Sindoor Fighter Jet; Pawan Khera Rahul Gandhi Vs Jaishankar | Pakistan | कांग्रेस बोली- सिंदूर से सौदा और देश से गद्दारी नामंजूर: एयरस्ट्राइक से पहले PAK को अलर्ट करना पाप, केंद्र बोला- ये गलत है

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नई दिल्ली7 घंटे पहले

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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर आरोप लगाए। - Dainik Bhaskar

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर आरोप लगाए।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने भाजपा को ‘सिंदूर का सौदागर’ कहा। उन्होंने कहा कि ट्रम्प दावा करते रहे कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। भारत काे व्यापार बंद करने की धमकी दी। यानी सिंदूर का सौदा होता रहा और पीएम चुप रहे।

इसके साथ ही खेड़ा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से राहुल गांधी के सवाल दोहराए। उन्होंने कहा- विदेश मंत्री ने स्वीकारा है कि उन्होंने एयर स्ट्राइक से पहले पाकिस्तान को जानकारी दे दी थी। अब सरकार बताए, इस वजह से हमने कितने विमान गंवाए। ये कोई गलती नहीं थी, ये एक अपराध था, पाप था। देश का सच्चाई जानने का हक है।

इधर, राहुल के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा, ‘विदेश मंत्री ने कहा था कि ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। इसे अब ऐसे पेश किया जा रहा है, जैसे ऑपरेशन से पहले उन्हें जानकारी दी गई हो। तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हम इसका विरोध करते हैं।’

पवन खेड़ा ने मोरारजी-जिया की बातचीत का जिक्र किया, कहा- वो पाप था, आज भी पाप हुआ

पवन खेड़ा ने कहा कि जनता पार्टी, जनसंघ ने मिलकर मोरारजी देसाई (1977-79) को प्रधानमंत्री बनाया था। ये रिकॉर्डेड हिस्ट्री है, हवाबाजी या वॉट्सएप यूनिवर्सिटी की बात नहीं है। मोरारजी देसाई ने जिया-उल-हक (पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति) को फोन पर कहा कि हमें RAW ने बताया है कि आपकी कहूटा में क्या न्यूक्लियर तैयारी चल रही है। पाकिस्तान में हमारा जो इन्फ्रास्ट्रक्चर था, हमारे जो कैंप्स थे, मोरारजी ने सारा डिटेल जिया-उल-हक को बता दिया।

इसके बाद कुछ दिनों में हमने पाकिस्तान में RAW के कई लोग गंवा दिए। उनको या तो पाकिस्तान ने गायब कर दिया या मार दिया, हमें नहीं पता। हमारी दशकों की मेहनत को मोरारजी ने जिया को किए एक फोन ने खत्म कर दी। इसलिए मैं कहता हूं कि इनका मुखबिरी का इतिहास है। ये (विदेश मंत्री जयशंकर) मोरारजी देसाई है।

गुस्सा हम सबके दिलों में है। हमारे सैनिक पराक्रम दिखाकर पाकिस्तान को घुटने पर ले आते हैं। अचानक डोनाल्ड ट्रम्प आते हैं और कहते हैं- सीजफायर। टीवी चैनल हम सबमें जोश भरते हैं कि इस्लामाबाद कब्जे में आ रहा है, कराची पर हमला हो गया है, लेकिन बीच में डोनाल्ड ट्रम्प आ जाते हैं और मोदी चुप हैं। सिंदूर से सौदा मंजूर नहीं है। देश से गद्दारी मंजूर नहीं है।

राहुल ने 3 दिन में दो बार विदेश मंत्री पर निशाना साधा

19 मई: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी X पर लिखा- विदेशमंत्री की चुप्पी निंदनीय है और इससे सब साफ हो रहा है। मैं फिर से पूछूंगा कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार किसने दिया, उनके ऐसा करने से हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?

17 मई: राहुल गांधी ने X पर निजी न्यूज चैनल का वीडियो शेयर कर जयशंकर पर पाकिस्तान को जानकारी देने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा- विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकारा कि सरकार ने ऐसा किया। उन्हें किसने अधिकार दिया? इसके चलते हमें वायुसेना को कितने विमान गंवाने पड़े? विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन किया था।

वहीं, DGMO राजीव घई ने कहा था कि ऑपरेशन शुरू होने के बाद हमने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि हम आतंक के अड्डों पर हमला करेंगे। पाकिस्तान ने बातचीत से इनकार कर दिया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी।

शरद पवार की संजय राउत को नसीहत- आतंकवाद को राजनीति में न घसीटें

शरद पवार ने सोमवार को शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत को नसीहत दी है कि आतंकवाद के मुद्दे को राजनीति में न घसीटें। संजय राउत ने रविवार को कहा था कि INDIA ब्लॉक को सरकार के ऑल पार्टी डेलिगेशन का बायकॉट करना चाहिए।

बारामती में पवार ने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव ने अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई में यूएन में प्रतिनिधिमंडल भेजा था। जब कोई अंतरराष्ट्रीय मुद्दा होता है तो पार्टी पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने कुछ प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, उन्हें कुछ देशों में भेजा जाएगा। ये डेलिगेशंस विदेशों में पहलगाम हमला और उसके बाद पाकिस्तान की हरकतों के बारे में बताएंगे।

14 मईः कांग्रेस ने CWC बैठक के बाद सरकार से सवाल पूछे

कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की 14 मई को दिल्ली में बैठक हुई थी। इसमें ऑपरेशन सिंदूर पर पार्टी के कुछ नेताओं, जिनमें शशि थरूर भी शामिल हैं, उनके दिए बयानों पर चर्चा की गई। साथ ही केंद्र सरकार पर ऑपरेशन सिंदूर के राजनीतिकरण का आरोप लगाया।

ANI के मुताबिक बैठक में कहा गया कि, ‘यह निजी विचार व्यक्त करने का समय नहीं है, बल्कि पार्टी के आधिकारिक रुख को स्पष्ट करने का समय है। हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं, और लोग अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं, लेकिन इस बार थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर ली है।

CWC के प्रस्ताव में कही गई बातें…

  • पहलगाम आतंकी हमले में खुफिया विफलता गंभीर मामला है। इससे सवाल खड़े हो रहे हैं, जो परेशान करने वाले हैं। क्षेत्र में बढ़ते तनाव और खतरों के बावजूद आतंकी बड़े हमले को अंजाम देने में कामयाब रहे।
  • अभी तक कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है। हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों को गिरफ्तार किया जाए, उनके खिलाफ केस चलाया जाए। सरकार पहलगाम हमले में हुई चूक पर स्पष्टीकरण दे, कदम उठाए।
  • पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का अचानक समाप्त होना (सीजफायर) भी बहुत हैरान करने वाला है। इससे भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का बयान परेशान करने वाला है। केंद्र सरकार की ट्रम्प के बयान पर चुप्पी समझ से परे है। हमें ये स्वीकार्य नहीं है।

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