मप्र में बिजली कंपनी की मोनोपॉली का खामियाजा आएं दिन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। ताजा मामला नर्मदापुरम जिले में सामने आया है। मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं को जून महीने में जो बिल जारी किए। उस राशि से ज्यादा की कंपनी वसूली कर र
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भुगतान काउंटर पर हो रही बहस
भुगतान केंद्रों पर अतिरिक्त राशि लेने से उपभोक्ता नाराज हो रहे। काउंटर पर कर्मचारियों को उपभोक्ताओं के गुस्से का भी शिकार होना पड़ रहा है।
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कई उपभोक्ताओं से वसूल रहे अतिरिक्त राशि
- मालाखेड़ी निवासी उपभोक्ता अनिल यादव का बिल 1466 रुपए आया है। जब वे बिल जमा करने गए तो 1480रुपए की रसीद दी। ज्यादा अमाउंट पूछने पर कोई भी कारण नहीं बताया गया।
- नर्मदाटाउन शिप निवासी उपभोक्ता को मीटर रीडर ने 10रुपए बिल दिया। लेकिन बिल भुगतान केंद्र पर 57 रुपए जमा कराया गया।
- उपभोक्ता शंकरलाल ने बताया मेरा बिल 264रुपए आया। लेकिन मुझसे 274 रुपए लिए गए। मैंने 10रुपए ज्यादा लेने का पूछा तो काउंटर पर बैठी महिला कर्मी बोली की अभी लंच टाइम है। आप जेई सर के पास जाकर पूछो। कम्पनी ने धांधली मचाकर रखी है।
- उपभोक्ता राजेश वर्मा ने बताया हमारा 1133 रुपए बिल आया था। बावजूद हमसे 1150 रुपए बिल भुगतान कराया गया। मैंने अंतिम तारीख से पहले बिल जमा किया। अतिरिक्त रुपए किस बात के लिए गए। किसी ने भी इसका सही कारण नहीं बताया।
अधिकारियों के अलग-अलग तर्क
अतिरिक्त राशि वसूलने के संबंध में जब बिजली कंपनी के अधिकारियों से पूछा तो वे अलग-अलग तर्क दें रहे। पर सही कारण कोई भी बताने से बच रहे। अधिकारी मामले में अधिकृत वर्जन भी देने से बच रहे है। मौखिक बातचीत में नर्मदापुरम शहर डीई अवधेश त्रिपाठी का कहना है कि ये Fuel and Power Purchase Adjustment Surcharge(FPPAS) अमाउंट होता है। जो चेंज हुआ है। टेक्निकल समस्या के कारण बिल में अमाउंट स्पॉट बिलिंग में जुड़ नहीं पाया। जो अब भुगतान के समय फाइनल बिल में दिखाता है। वैसे आप इसके लिए डीजीएम आईटी से बात करें। जब डीजीएम आईटी से पूछा तो उन्होंने मौखिक बातचीत में अतिरिक्त राशि लेने का कारण बताया कि उपभोक्ताओं के सिक्युरिटी राशि में मिलने ब्याज की राशि ज्यादा होने पर वापस ली जा रही है।
अधिकृत जवाब देने से बच रहे अफसर
बिजली बिलों में अतिरिक्त राशि लेने का कारण पूछने पर डीई अवधेश त्रिपाठी और डीजीएम आईटी दोनों ने मामले में अधिकृत बाइट देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा एसी सर को ही बाइट देने का अधिकार है। जब एसी बीएस परिहार से संपर्क करने मोबाइल कॉल किया, पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया।