On the 5th day of Das Lakshan Parv, the restraint fast was observed | दस लक्षण पर्व के 5वें दिन संयम व्रत का पालन किया – Ambikapur (Surguja) News

चिरमिरी | दिगंबर जैन समाज के महापर्व पर्युषण की शुरुआत 8 सितंबर से हो गई है। इस 10 दिवसीय पर्युषण पर्व का समापन 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी उत्तम क्षमा वाणी के साथ संपन्न होगा। छोटा बाजार व हल्दी बाड़ी सकल दिगम्बर जैन समाज के लोग हर दिन सुबह और शाम को

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मंदिर में सुबह अभिषेक करने वालों का तांता लगा रहता है, तो शाम ढलते ही भजन और महाआरती में बड़ी संख्या में जैन साधक शामिल होते हैं। जैन धर्म के मुताबिक, यह पर्व दिगम्बर जैन धर्म के अनुयायियों को आत्मशुद्धि के लिए प्रेरित करता है। जैन धर्म के इस त्योहार को पर्वों का राजा कहा जाता है। यह पर्व भगवान महावीर स्वामी के मूल सिद्धांत अहिंसा परमो धर्म व जिओ और जीने दो की राह पर चलने शिक्षा देता है। वहीं 10 दिनों तक 10 कठिन नियमों का पालन करते हुए आत्मशुद्धि का अवसर साल में एक मिलता है। दिगंबर जैन धर्म के अनुयायी 10 दिन पर्युषण पर्व मनाते हैं, जिसे वे दसलक्षण कहते हैं। ये दस लक्षण क्षमा, मार्दव, आर्नव, सत्य, संयम, शौच, तप, त्याग, आकिंचन्य व ब्रह्मचर्य है। यह संतों के साथ ही गृहस्थों के लिए भी पालन करना अनिवार्य किया है।

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